मुंगेर : सदर प्रखंड के गंगा पार दियारा स्थित कुतलुपुर पंचायत के वार्ड नंबर 17 एवं 18 कचहरी टोला के पास लगभग 550 मीटर लंबाई में गंगा का कटाव जारी है. यह कटाव धीरे-धीरे और तेज होता जा रहा है. अब कचहरी टोला में बसावट से कटाव स्थल की दूसरी केवल 50 फीट रह गई है. इसके कारण इन दोनों वार्डों में निवास करने वाले लगभग 2 हजार लोगों में कटाव का भय इस कदर घर कर गया है कि लोग सहमे-सहमे से नजर आ रहे हैं. जबकि कईयों ने तो कटाव की भयावहता को देखते हुए सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए अपने घरों का सामान तक बांधना शुरु कर दिया है.


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जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता ने कटाव स्थल का लिया जायजा
जल संसाधन विभाग समस्तीपुर के मुख्य अभियंता रामशंकर द्विवेदी ने बाढ़ संघर्षात्मक बल खगड़िया एमएन चौधरी, अधीक्षण अभियंता खगड़िया, कार्यपालक अभियंता प्रेम प्रकाश पूरी टीम के साथ कटाव स्थल पहुंचे. गंगा की धारा को बसावट की ओर से दूसरी ओर मोड़ने और गांव को कटाव से बचाने से संबंधित संभावनाओं को तलाशा जरूरी है. इस संबंध में मुख्य अभियंता रामशंकर द्विवेदी ने बताया कि विगत वर्ष हमलोगों ने इस स्थल पर कटाव रोधी कार्य नहीं किया था. उस समय गंगा का पानी बढ़ा हुआ था तो यहां फ्ल्ड फाइटिंग के तहत बंबू पाइलिंग, ट्रीज स्पर, झांकी से स्थल को सुरक्षित किए थे. तब गांव की स्थिति को देखकर यहां कटाव रोधी कार्य करने का प्रस्ताव दिया. इस साल हमने 1500 मीटर में कार्य किया. वर्तमान समय में जलस्तर में बढ़ोतरी एवं घटाव के समय दोनों समय कटाव होता है. 


गांव को बचाने के लिए बदलना होगा गंगा की धारा का रुख
जिस स्थान पर बहादुर नगर गांव का कचहरी टोला बसा हुआ है, उस स्थान पर गंगा की दो धाराओं का मिलन स्थल है. इसके कारण यहां गंगा की धारा अपेक्षाकृत अधिक तेज है. जबकि गंगा की धारा के इस मिलन स्थल के सामने ही गंगा के बीचोबीच टीला उभरा हुआ है. इसके कारण गंगा की धारा इस टापू से टकराने के बाद कचहरी टोला की ओर मुड़ जाती है. जो सीधे मुख्य बसावट से पास आकर टकराती है. गंगा की धारा के सीधे बसावट के पास मुड़कर टकराने के कारण यहां तीव्र कटाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. ऐसे में कुतलुपुर पंचायत के कचहरी टोला को कटाव से बचाने के लिए आवश्यक है कि गंगा के बीचोबीच उभर आए टीले को काटकर गंगा की धार को सीधे आगे की ओर ले जाया जाए. यदि प्रशासन तथा जल संसाधन विभाग इस दिशा में प्रयास करता है तो लगभग दो हजार की आबादी वाले इन दोनों वार्डों क्रमश: वार्ड संख्या 17 एवं 18 को गंगा में विलीन होने से बचाया जा सकता है.


क्या कह रहे ग्रामीण
बता दें कि अपने आंखों के सामने अपनी जमीन को कटते तथा गंगा को अपने अपने घर की ओर प्रतिदिन बढ़ते देख रहे ग्रामीण ने कहा कि कटाव स्थल पर जितनी संख्या में जीओ बैग एवं अन्य संसाधन उपलब्ध होना चाहिए, उतना उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. इसके कारण कटाव रोधी कार्य सही तरीके से नहीं हो पा रहा है. हलांकि स्थानीय ग्रामीण जल संसाधन विभाग को हर स्तर से सहयोग कर रहे हैं. ग्रामीण अपने कीमती पेड़ को कटाव रोधी कार्य के लिए सहर्ष विभाग को नि:शुल्क उपलब्ध करा रहे हैं. दो जेसीबी मशीन भी नि:शुल्क कार्य कर रहा है, लेकिन जीओ बैग की कमी के कारण उपयुक्त संख्या में लेबर उपलब्ध होने के वाबजूद कार्य संतोषप्रद रुप से नहीं हो पा रहा है.


जल संसाधन विभाग के कार्य से नाखुश दिखे ग्रामीण
गंगा में कटाव रोधी कार्य धीमी गति चलने को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है. ग्रामीणों ने कहा सही समय पर जियो बैग नहीं उपलब्ध होने के कारण कार्य तेजी से नहीं किया जा रहा है. जिस तरह गंगा में कटाव तेजी से हो रहा है अगर उस तरह से कटाव को रोकने के लिए तेजी से कार्य किया जाता, तो अब तक कटाव को रोका जा सकता था.


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