मुंगेर : सदर अस्पताल मुंगेर में शनिवार की शाम लगभग 3 बजे गुलजार पोखर निवासी 50 वर्षीय परशुराम चौधरी की हर्ट अटैक से मौत हो गई. उसे सुबह लगभग साढ़े 7 बजे परिजनों ने छाती में दर्द की शिकायत पर भर्ती कराया गया थ. इस मामले में मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर परशुराम चौधरी के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया.


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परिजनों ने अस्पताल की लापरवाही पर लगाया आरोप
मृतक की पुत्री कोमल कुमारी ने बताया कि उसके पिता की मौत अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से हुई है. उसके पिता को पहले सुबह 2 बजे छाती में दर्द होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां परशुराम चौधरी को दो इंजेक्शन दिया गया, लेकिन उसे कोई आराम नहीं हुआ. परशुराम चौधरी को उल्टी होती रही. इसके बाद डाक्टर से आग्रह करने पर बाहर की दवा लिखी गई. जिसे उसने 60 रुपए में बाहर से खरीदा है. फिर कुछ आराम हुआ तो उसे इमरजेंसी से घर भेज दिया गया. सुबह सात बजे उसे फिर छाती में दर्द होने पर फिर से लगभग साढ़े सात बजे सुबह अस्पताल लाया गया. इस बार भी उसे केवल स्लाइन लगाया गया तथा एक इंजेक्शन दिया गया. इसके बाद दोपहर में एकाएक परशुराम छटपटाने लगा तो परिजनों ने मेल वार्ड में ड्यूटी पर तैनात एएनएम से परशुराम के जांच की गुहार लगाई पर सभी ने उसे अनसुना कर दिया. बता दें कि मृतक परशुराम चौधरी नाश्ते का ठेला लगाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता था. वह अपने पीछे पत्नी, तीन अविवाहित पुत्री तथा एक पुत्र को छोड़ गया. इधर परशुराम चौधरी के निधन से उसके परिवार में कोहराम मच गया है.


समय पर मिलता इलाज तो बच सकती थी मृतक की जान
बता दें कि दोपहर दो बजे जब डॉ. के रंजन ड्यूटी पर आए तो उन्होंने मरीज को छटपटाते हुए देखा, तो उसे आक्सीजन आदि लगवाया. तब तक परशुराम की मौत हो चुकी थी. इस संबंध में मृतक की पुत्री कोमल कुमारी ने कहा कि यदि सही समय पर उसके पिता का सही इलाज हुआ होता तो आज उनकी मौत नहीं होती. कोमल ने इस मामले में अस्पताल प्रबंधन पर हत्या का मामला दर्ज कराने की बात कही. वहीं सदर अपस्पताल के डॉक्टर के रंजन ने बताया कि वे दोपहर दो बजे जब ड्यूटी पर आए तो देखा कि मरीज को कार्डिएक शाक आया है. इसके बाद उसका इलाज शुरु किया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.


इनपुट- प्रशांत कुमार


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