Bhagalpur News: जिनके हाथों शिक्षा की पतवार वो हर दिन स्कूल पहुंचने से पहले खेवते हैं नाव, वर्षों से लगा रहें पुल की गुहार
Bihar News: बिहार के जिला भागलपुर में शिक्षक-शिक्षिकाओं समेत स्कूली बच्चों को हर दिन स्कूल जाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. उन्हें अपनी जान को हथेली पर रख कर नाव की पतवार को थामना पड़ता है. हमेशा नाव से बिना किसी सुरक्षा और लाइफ जैकेट के यात्रा करने वाले लोगों के मन में किसी तरह की घटना होने का भय बना रहता है. वर्षों से नदी पर पुल बनाने की मांग की जा रही है, लेकिन इसका सुध लेने वाला कोई नहीं है.
Bhagalpur News:बिहार के जिला भागलपुर के दो स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं को बच्चों के लिए हाथ में चॉक और कलम पकड़ने से पहले नैया की पतवार पकड़नी पड़ती है. उन्हें हर दिन भगवान के नाम का सुमिरन करते हुए स्कूल जाना पड़ता है. दरअसल भागलपुर का घोघा जो सांसद अजय मंडल का गृह क्षेत्र है. यहां स्कूली शिक्षकों को नाव से स्कूल जाना पड़ता है. वो भी नाव नाविक नहीं बल्कि खुद शिक्षक चलाते हैं, क्योंकि बड़ी नाव अकेले एक नाविक से चलना मुश्किल होता है.
घोघा से शिक्षकों की टोली गोल सड़क ईंट भट्ठा किनारे पहुंचती है और वहां नाव पर सवार होकर तकरीबन एक किलोमीटर की दूरी नाव से तय करते है. दो शिक्षक नाव के दूसरी छोड़ पर पतवार चलाते हुए नाव खेवते हैं. शिक्षकों के साथ-साथ बच्चे भी नाव से ही सफर करते हुए स्कूल पहुंचते हैं. नाव से स्कूल जाने वाले शिक्षक बताते हैं कि उन्हें नाव से स्कूल तक की यात्रा करने में काफी डर लगता है. हमेशा किसी तरह की घटना न हो जाए, इसका भय मन में बना रहता है.
ये भी पढ़ें: छठ तक महाराष्ट्र से बिहार के लिए चलेगी स्पेशल ट्रेन, जानें किन स्टेशनों पर रुकेगी
उन्होंने कहा जब से दानापुर में एक शिक्षक के साथ हादसा हुआ है, तब से और भी डर लगने लगा है. जब गंगा में रहते है तो भगवान का नाम सुमिरन करते रहते है और जब पहुंच जाते है तो लगता है नई जिंदगी मिली है. हमें लाइफ जैकेट नहीं मिला है. कभी बारिश और तेज हवाएं बहती है तो लगता है नाव पलट जाएगा. सरकार से गुजारिश है कि यहां पुल का निर्माण कर दें.
ये भी पढ़ें: Bihar News: सांप के साथ करतब दिखा रहा था मछुआरा, फिर जो हुआ उसे देख कांप गया परिवार
गंगा पार उच्च माध्यमिक विद्यालय और मध्य विद्यालय अठगामा के शिक्षक साथ बच्चों को स्कूल जाने से पहले संघर्ष करना पड़ता है. शिक्षकों को ऑनलाइन उपस्तिथि दर्ज करनी पड़ती है, इसलिए समय से पहले निकलना पड़ता है. यहां वर्षों से पुल की दरकार है ताकि घोघा एनएच से अठगामा गांव, पन्नू चक दियारा और शंकरपुर दियारा जाने वाले स्कूली बच्चें, स्थानीय लोग, किसानों और शिक्षकों को सहूलियत हो सके, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.
इनपुट - अश्वनी कुमार
बिहार-झारखंड की नवीनतम अपडेट्स के लिए जी न्यूज से जुड़े रहें. यहां पढ़ें Bihar-Jharkhand News in Hindi और पाएं Bihar-Jharkhand latest news in hindi हर पल की जानकारी. बिहार-झारखंड की हर खबर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और अपडेटेड बने रहें.