पटनाः Union minister Ashwini Choubey brother nirmal choubey dies: केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के छोटे भाई निर्मल चौबे की मौत बिहार के भागलपुर के मायागंज अस्पताल में शुक्रवार को हुई. जिसके बाद परिवार वालों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से मौत हुई है. परिवार वालों ने उनकी मौत का जिम्मेदार डॉक्टरों को ठहराया और आईसीयू में जमकर हंगामा किया. कई भाजपा नेता और कार्यकर्ता भी मौके पर रहे और हंगामे को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया. वहीं इस मामले में अस्पताल ने भी दो डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया गया है. 


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निर्मल चौबे को आया था हार्ट अटैक
अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉक्टर बताते है कि मंत्री अश्विनी चौबे के छोटे भाई निर्मल चौबे को बहुत गंभीर हालत में लाया गया था. जिसके बाद पता चला था कि उन्हें हार्ट अटैक आया है. उस वक्त अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर ने उन्हें प्राथमिक इलाज किया गया और दवाई भी दी थी. जिसके बाद उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया था. हालांकि उस वक्त आईसीयू में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था. इसी वजह से मैंने दो डॉक्टरों को सस्पेंड करने का फैसला लिया है. वहीं परिजन अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगा रहे है, लेकिन अभी तक ऐसी कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है. जिसके वजह से कानूनी एक्शन नहीं लिया जा सकता है. 


दो डॉक्टरों को किया गया निलंबित
वहीं परिजनों का कहना है कि शाम 4 बजे के करीब निर्मल चौबे ने सांस लेने में तकलीफ की बात की थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था. वहीं उनकी स्थिति बिगड़ते देख उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया, लेकिन आईसीयू में कोई भी डॉक्टर उपस्थित नहीं था और उनकी मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने काफी हंगामा किया. वहीं दो डॉक्टरों को निलंबित करने के बाद परिजन शांत हुए. 


अस्पताल में अक्सर होती रहती है अनदेखी
अस्पताल अधीक्षक ने इस मामले में कहा कि मरीज का पहले इमरजेंसी में इलाज किया गया था. वहीं आईसीयू में डॉक्टर नहीं होने की बात परिजन कर रहे हैं, जिस पर कार्रवाई की गई है. वहीं इस घटना के होने के बाद अस्पताल में भर्ती बाकी मरीजों के परिजनों का कहना है कि अस्पताल में अनदेखी की जाती है. अस्पताल में डॉक्टर कभी चेक करने आते है कभी नहीं आते हैं. जहां एक तरफ स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार को लेकर लगातार प्रयास कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर अस्पताल की स्थिति बेहतर होती नजर नहीं आ रही है.


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