रांची: Mayavati Statement on Sammed Shikhar JI: सम्मेद शिखर जी का मामला अभी शांत नहीं हुआ है. जैन समाज लगातार इसे पर्यटन  स्थल घोषित किए जाने को लेकर विरोध कर रहा है. देशभर में समुदाय के लोग इसे लेकर अपने तरीके से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. अब इस मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती का भी बयान समान आया है. यूपी की पूर्व सीएम रहीं मायावती ने पारसनाथ पहाड़ी और सम्मेद शिखर जी को लेकर जैन समाज की मांगों का समर्थन किया है. उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि धार्मिक स्थल की सुरक्षा की जिम्मेदारी के लिए जैन समाज को सड़क पर उतरना पड़ रहा है. यह चिंता की बात है. 


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मायावती ने किया ट्वीट
बुधवार सुबह ही बसपा की प्रमुख मायावती ने सम्मेदशिखर जी प्रकरण पर ट्वीट किया. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, ''भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में अब जैन धर्म के लोगों को भी अपने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व पवित्रता के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में आंदोलित होकर इंडिया गेट सहित सड़कों पर जबरदस्त तौर पर प्रदर्शन करना पड़ रहा है,यह अति-दुःख व चिन्ता की बात है.उन्होंने लिखा है कि केंद्र और राज्य सरकारें टूरिज्म के विकास आदि को बढ़ावा देने के नाम पर कमर्शियल दृष्टिकोण से जिन गतिविधियों को अंधाधुंध बढ़ावा दे रही हैं, उससे श्रद्धालुओं में खुशी कम व असंतोष ज्यादा है. सरकारें धर्म की अध्यात्मिकता तथा धार्मिक स्थलों की पवित्रता बरकरार रखें तो बेहतर.


 





मंगलवार को निकाली थी मौन रैली
झारखंड के गिरिडीह जिले की पारसनाथ पहाड़ी पर स्थित सम्मेद शिखरजी को पर्यटक स्थल घोषित करने के बाद से विवाद जारी है. जैन समाज इसका लगातार विरोध कर रहा है. अभी कुछ दिन पहले कुछ गैर जैन बच्चे पारसनाथ पहाड़ी पर चढ़ रहे थे, जिन्हें रोका गया तो विवाद और गहरा गया. इसके बाद सुंदरवन के बाजार बंद कराए गए थे. मंगलवार को समाज के लोगों ने मौन रैली निकालकर विरोध जताया है, तो वहीं एक प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा है. खुद राज्यपाल रमेश बैस भी इस मामले में पहले ही एक चिट्ठी लिख चुके हैं.


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