पटना: रालोसपा को एक और बड़ा झटका लगा है. पार्टी के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि की अगुवाई में 11 नेताओं ने रालोसपा छोड़ने की घोषणा की. राजधानी पटना में बकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसकी घोषणा की, जिन नेताओं ने रालोसपा छोड़ने की घोषणा की, उनमें राष्ट्रीय महासचिव प्रदीप मिश्रा, प्रो अभयानंद सुमन पटेल, संतोष कुमार प्रसाद, राजीव जायसवाल, क्रांति प्रकाश शामिल हैं. 


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इसके अलावा बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार, महासचिव मनोरंजन कुशवाहा, मंजीत कुमार सिंह, मनीषा वर्मा जैसे नेता शामिल हैं. नागमणि ने उपेंद्र कुशवाहा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. साथ ही उन्होंने सब लोगों के साथ जेडीयू में शामिल होने की घोषणा की और कहा कि जहां से उपेंद्र कुशवाहा चुनाव लड़ेंगे, वहीं से वो भी चुनाव मैदान में उतरेंगे. नागमणि ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कामों की तारीफ की और कहा कि उनके नेतृत्व में बिहार का विकास हुआ है. 


उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बता दिया है कि उनका सीना 56 इंच का है. कुशवाहा समाज में उपेंद्र कुशवाहा को लेकर बहुत गुस्सा है." साथ ही उन्होंने महागठबंधन के नेताओं से अपील की कि वह कुशवाहा को केवल एक सीट दें, क्योंकि अब रालोसपा के ज्यादातर नेता अलग हो गए हैं और जो बचे हैं, वो भी जल्दी उपेंद्र कुशवाहा से अलग हो जाएंगे." इस दौरान, नागमणि ने कुशवाहा पर मोतिहारी लोकसभा क्षेत्र का टिकट नौ करोड़ रुपये में बेचने का आरोप लगाया. 



उधर, रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि के लगाए आरोप का जवाब देते हुए कहा कि नागमणि इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से करवाने के लिए राज्य सरकार से अनुशंसा करवा दें. 


महागठबंधन के नेता कुशवाहा ने नागमणि के लगाए आरोपों के जवाब में ट्विटर पर लिखा, "बड़े भाई नागमणि जी ने आज मेरे ऊपर कई आरोप लगाए हैं. मैं उनके प्रति आभार प्रकट करता हूं कि आरोपों की सच्चाई सामने लाने के लिए उन्होंने सीबीआई से जांच कराने की मांग भी की है. मैं भी उनकी इस मांग का पुरजोर समर्थन करता हूं. बड़ी कृपा होगी, मुख्यमंत्री जी से जांच की अनुशंसा करवा दें." 


उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, "बड़े भाई नागमणि जी से हाथ जोड़कर आग्रह करता हूं. आजकल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से उनकी बहुत करीबी हो गई है. अपने द्वारा लगाए कथित आरोपों की सीबीआई जांच के लिए बिहार सरकार से अनुशंसा करवा दें. बड़ी कृपा होगी. मुख्यमंत्री जी से नव स्थापित उनकी अंतरंगता की भी पुष्टि का सुनहरा अवसर है उनके लिए." 


तीसरे ट्वीट में कुशवाहा ने नागमणि पर तंज कसते हुए कहा, "जेडीयू से टिकट लेने के लिए छोटे भाई को इतनी गाली देने से काम नहीं चलेगा. कुछ और जोर लगाइए. कहीं ऐसा न हो कि काराकाट में छोटे भाई का श्राद्ध करने का आपका सपना टिकट के अभाव में अधूरा रह जाए."