मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर का आथर गांव हाल के दिनों में सुर्खियों में था. वजह था ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े दीपक ठाकुर का बिग बॉस तक का सफर. दीपक बिग बॉस में बखूबी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए अंतिम दौर तक जगह बनाने में सफल रहे. दीपक की सफलता उनके गांव के लोगों के लिए भी गर्व की बात है. दीपक ने भला ही अपने गांव, जिला और बिहार का नाम रोशन किया, लेकिन उनका गांव आज भी सरकार की उदासीनता को झेल रहा है. दीपक ठाकुर के गांव आथर तक जाने के लिए आज भी एकमात्र सहारा नाव ही है, लेकिन दीपक ने अपने गांव को आदर्श गांव बनाने का सपना देखा है.


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'बिग बॉस सीजन-12' में तीसरा स्थान पाने वाले दीपक अपने गांव पहुंचने के लिए आज भी नाव की सवारी करते हैं, यही कारण है कि वे खुद को 'नदिया के पार' का निवासी बताते हैं. दीपक आज इस पिछड़े गांव से निकलकर बिहार का नाम रौशन किया है. बिग बॉस के 'रील लाइफ' से 'रियल लाइफ' में अपने गांव लौटे दीपक को इस बात का मलाल है कि आज बिहार के गांवों में कई समस्याएं हैं.


उनका कहना है कि आज बिहार में कई ऐसे गांव हैं जहां सड़कें नहीं हैं. अपने गांव के विषय में पूछे जाने पर मायूस दीपक कहते हैं कि कुछ दिन पहले इस गांव में बिजली तो आ गई है, मगर आज भी यहां ना सड़कें हैं और ना ही अस्पताल.


पटना एयरपोर्ट पर दीपक ठाकुर. (तस्वीर- IANS)

हमेशा से अभिनेता सलमान खान के प्रशंसक रहे दीपक ने कहा, "मैं बचपन से वह सलमान खान का फैन रहा हूं. मैं उनसे मिलना चाहता था जो अब पूरा हो गया. अब मेरा सपना उनकी फिल्म में गाना गाने की है." उन्होंने खुद को बिहारी कहलाने पर गौरवान्वित महसूस करने की बात करते हुए कहा कि बचपन से लेकर जवानी तक बिहार के गांवों की पगडंडियों में उनका जीवन गुजारा है. उन्हें बिहारी होने पर गर्व है. उन्होंने बताया कि बिग बॉस में सलमान खान ने भी एक बार कहा था कि 'एक बिहारी, सब पर भारी.'


मुजफ्परपुर जिला के बोचहा प्रखंड के आथर गांव के सामान्य परिवार से ताल्लुक रखनेवाले दीपक स्थानीय एक प्राइवेट स्कूल से 10वीं, एलपी शाही कॉलेज से 12वीं और एलएन मिश्रा कॉलेज से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद इलाहाबाद के गुरुवर महाविद्यालय से संगीत की शिक्षा ली.  'बिग बॉस' से आने के बाद दीपक इन दिनों अपने गांवों में समय गुजार रहे हैं. वे कहते हैं कि बिग बॉस के घर में भी गांव की याद आती थी. इस गांव के लिए मुझे काफी कुछ करना है, आखिर इसी गांव ने ही तो सफलता की पहला पाठ पढ़ाया है.


भविष्य की योजनाओं के विषय में पूछ जाने पर दीपक कहते हैं, "लोगों का मनोरंजन कर रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा. लोग बस ऐसे ही प्यार देते रहें."


(IANS इनपुट)