बिहार चुनाव: 71 सीटों पर आज वोटिंग, कहीं कांटे की टक्कर तो कहीं दांव पर प्रतिष्ठा
बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण के लिए बुधवार को मतदान होगा. मतदान वाले क्षेत्र में सोमवार शाम को ही प्रचार थम गया. मतदान से एक दिन पहले चुनाव प्रचार को लेकर सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी.
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण के लिए बुधवार को मतदान होगा. मतदान वाले क्षेत्र में सोमवार शाम को ही प्रचार थम गया. मतदान से एक दिन पहले चुनाव प्रचार को लेकर सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी. बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 28 अक्टूबर को 71 सीटों पर मतदान होना है. पहले चरण की वोटिगं में कई सियासी दिग्गजों की किस्मत दांव पर है.
पहले चरण में आठ मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. बिहार चुनाव के पहले चरण में कई ऐसी वीआईपी सीटें जिस पर हर किसी की निगाहें टिकी हुई हैं. ये बिहार चुनाव की वीआईपी सीटों में से एक है. आप भी डालें इन पर नजर-
दिनारा विधानसभा
पहले चरण का सबसे वीआईपी सीट दिनारा विधानसभा है. यहां से बीजेपी छोड़ एलजेपी में शामिल हुए नेता और बाहुबली राजेंद्र सिंह चुनाव मैदान में हैं. उनके सामने नीतीश सरकार के मंत्री जय कुमार सिंह है. सबसे दिलचस्प बात है कि बीजेपी से अलग होकर एलजेपी में जाने के बाद भी बीजेपी के कई कार्यकर्ता उनके प्रचार में लगे हुए हैं. वहीं, आरजेडी ने यहां से विजय मंडल को मैदान में उतारा है जिनकी क्षेत्र में अच्छी पकड़ है. ऐसे में तीन नेताओं के बीच कांटे की टक्कर है और किसकी जीत होगी, यह अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है.
मोकामा विधानसभा
मोकामा विधानसभा क्षेत्र को बाहुबली अनंत सिंह का गढ़ माना जाता है. किसी समय में नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे अनंत सिंह नें 2015 में सीएम से खटपट के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ा और वहां से उन्होंने जीत दर्ज की. इस बार अनंत सिंह जेल में हैं लेकिन आरजेडी की सीट से वो मैदान में हैं. अनंत सिंह मोकामा से पिछला चार विधानसभा चुनाव जीतते आए हैं और ऐसे में हर किसी की निगाहें इस बार भी मोकामा सीट पर है. जेडीयू ने राजीव लोचन को मैदान में उतारा है जो स्वभाव से अनंत सिंह के ठीक उलटे माने जाते हैं.
जमुई विधानसभा
अंतर्राष्ट्रीय शूटर श्रेयसी सिंह ने जमुई से चुनावी मैदान में उतरकर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की है. श्रेयसी भले ही खिलाड़ी रही हों लेकिन उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक रही है. उनके पिता स्वर्गीय दिग्विजय सिंह केंद्रीय मंत्री रहे हैं जबकि उनकी मां पुतुल सिंह सांसद रहीं हैं.
इमामगंज विधानसभा क्षेत्र
इमामगंज विधानसभा सीट से दो दिग्गजों की किस्मत दांव पर है. हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी मैदान में हैं वहीं, उनका मुकाबला यहां पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रह चुके उदय नारायण चौधरी से है. उदय नारायण चौधरी को आरजेडी ने इमामगंज से मैदान में उतारा है. ऐसे में दो दिग्गजों में कौन बाजी जीतने में सफल होते हैं ये देखने वाली बात होगी.
सासाराम विधानसभा
सासाराम विधानसभा भी पहले चरण की हॉट सीट में से एक है. बीजेपी से जेडीयू में गई इस सीट पर मामला पूरी तरह से पेचिदा है. यहां से नोखा विधानसभा से तीन बार एमएलए रहे रामेश्वर प्रसाद चौरसिया एलजेपी के टिकट पर उतर गए हैं. वहीं, आरजेडी के राजेश कुमार गुप्ता को मैदान में उतारा है.
ब्रह्मपुर विधानसभा सीट
ब्रह्मपुर में बीजेपी-आरजेडी के बीच हमेशा कड़ी टक्कर होती है. यह सीट हमेशा से बीजेपी के खाते में रही है लेकिन इस बार यह सीट वीआईपी के खाते में चली गई है. ब्रह्मपुर सीट का सियासी समीकरण कुछ ऐसा है कि इस सीट के नतीजे हमेशा बीजेपी या आरजेडी के पक्ष में होते हैं. लेकिन, इस बार यहां वीआईपी और आरजेडी में कौन जीतने में कामयाब होता है ये देखने वाली बात होगी.