पटना: सीट शेयरिंग में बराबरी का हक मांगने के बाद अब कांग्रेस के विधायकों ने आरजेडी का पिछलग्गू नहीं बनने का फैसला लिया है. बार-बार सदन से वाकआउट से नाराज कांग्रेस विधायकों ने फैसला लिया है कि जबतक हरेक मुद्दे पर आरजेडी कांग्रेस से कॉर्डिनेट नहीं करती है तब तक कांग्रेस सदन में आरजेडी को सपोर्ट नहीं करेगी.


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बुधवार को शाम 5 बजे विधानमंडल दल की बैठक सदानंद सिंह के आवास पर हुई. बैठक में 27 में से केवल 14 विधायक और तीन एमएलसी ही शामिल हुए. इस और बैठक का मकसद बजट सत्र में कांग्रेस की भूमिका तय करना था. लेकिन ज्यादातर विधायक इस बात से नाराज नजर आए कि सदन की कार्रवाई आरजेडी के हंगामे और वाकआउट की वजह से नहीं चल पा रही है. 


उनका कहना है कि क्षेत्र की जनता उनसे सवाल पूछती है. सदन बाधित होने के कारण सरकार के उत्तर पर वो सवाल नहीं पूछ पा रहे हैं. बीते साल भी आरजेडी के हंगामे के कारण सदन का कोई भी सत्र ठीक से नहीं चल सका था.


कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक में ये प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ कि कांग्रेस आरजेडी की पिछलग्गू नहीं बनेगी. आरजेडी को हर मुद्दे पर सदन में कांग्रेस के साथ के लिए कांग्रेस नेताओं के साथ कोऑर्डिनेट करना होगा. यानी जिस मुद्दे पर कांग्रेस-आरजेडी की आम सहमति होगी दोनों दल साथ मे प्रदर्शन और वाकआउट करेंगे और जिन मुद्दों पर सहमति नहीं बनेगी उनपर कांग्रेस के नेता सदन से वाकआउट नही करेंगे. कांग्रेस के ज्यादातर विधायक इस फैसले के समर्थन में नजर आए.


बैठक में अन्य जिन मुद्दों पर सहमति बनी उनमें ये प्रमुख हैं.


1. आरक्षण संबंधी संविधान सांशोधन के मुद्दे पर विचार विमर्श किया गया. कांग्रेस शुरू से ही आर्थिक रूप से पिछड़े गरीब लोगों को आरक्षण देने की हिमायती रही है.


2. कांग्रेस विधायकों को सदन मे अधिक संख्या में उपस्थिति बनाये रखने का निर्देश दिया गया है.


3. जनकल्याणकारी मुद्दे पर कांग्रेस के विधायक, एमएलसी को विशेष सक्रिय रहने का निर्देश दिया गया है.


4. जनता  से जुड़े अन्य ज्वलंत मुद्दों को सदन में उठाने का भी फैसला लिया गया.