Patna: पश्चिम बंगाल के पंतापाड़ा में बिहार के शहीद एसएचओ अश्विनी कुमार (SHO Ashwini Kumar) की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. इंस्पेक्टर की हत्या के लिए भीड़ जुटाई गई थी. 500 से ज्यादा की भीड़ ने पीट-पीटकर इंस्पेक्टर की हत्या की थी. इसका खुलासा रेड टीम में शामिल सस्पेंड अंचल निरीक्षक मनीष कुमार के आवेदन से हुआ है.


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मनीष कुमार ने पंतापाड़ा ओपी में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है, जिसके मुताबिक करीब 500 की भीड़ ने उनकी टीम पर हमला बोला था. मनीष कुमार के आवेदन के मुताबिक पुलिस टीम के साथ अश्विनी कुमार बाइक लुटेरों को गिरफ्तार करने पश्चिम बंगाल के जिस गांव गए थे, वहां कुछ लोगों ने मस्जिद के लाउडस्पीकर से अनाउंस किया और करीब 500 लोगों की भीड़ इकट्ठा की. भीड़ में शामिल सभी लोगों के हाथ में लाठी, लोहे के रॉड और चाकू जैसे हथियार थे.


दरअसल, पंतापाड़ा ओपी में एफआईआर (FIR) संख्या 96/2021 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. जिसमें 21 लोगों के खिलाफ नामजद और 500 लोगों पर पीट-पीटकर हत्या करने का मामला दर्ज किया गया है. आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 341, 332, 333, 353, 307, 302 और 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, अपराधियों और उग्र भीड़ ने इंस्पेक्टर की अमानवीय तरीके से पिटाई की. इस मामले में पुलिस ने अब तक 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.


पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार के पूरे शरीर पर जख्म के निशान मिले. रिपोर्ट में पिटाई से मौत की वजह बताई गई है. चार डॉक्टरों की टीम ने शहीद अश्विनी कुमार का पोस्टमार्टम किया था. बता दें कि किशनगंज टाउन थाने के SHO अश्विनी कुमार की पश्चिम बंगाल में हत्या हो गई थी. बेटे की मौत का सदमा मां भी बर्दाश्त नहीं कर पाई थी और उनकी भी मौत हो गई थी.