Buxar: कहते हैं, जहां चाह, वहां राह. ये कहावत भारत के महान धावक और बिहार के लाल शिवनाथ सिंह (Shivnath Singh) पर बिल्कुल ठीक बैठती है. उनका जन्म 11 जुलाई 1946 को बक्सर जिले के मंझरिया में हुआ था. उन्होंने अपने करियर के दौरान कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए. तो आइए जानते है उनके करियर से जुड़े कुछ यादगार पल...


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जब नंगे पांव दौड़ कर भारत को दिला दिया स्वर्ण पदक 
शिवनाथ सिंह बचपन में ही गंगा नदी के किनारे नंगे पांव दौड़ा करते थे. जिस वजह से उनक चयन भारतीय सेना में हो गया था. इसके बाद उन्हें यही से अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला था. तेहरान एशियाड 1974 में 5,000 मीटर की दौड़ स्पर्धा में 108 नंबर की जर्सी पहन 14 मिनट साढ़े 20 सेकंड का समय निकाल उन्होंने भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था. इसके अलावा इसी इवेंट में उन्होंने 10 हजार मीटर की दौड़ में रजत पदक भी अपने नाम किया था. आप को जानकर हैरानी होगी कि बिहार के इस लाल ने दोनों ही रेस नंगे पांव जीती थी और इतिहास रच दिया था. 


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ये उनकी बेजोड़ प्रतिभा का ही कमाल है कि 5 हजार मीटर और 10 हजार मीटर में राष्ट्रीय रिकॉर्ड आज भी उन्ही के नाम दर्ज है. इसके अलावा सेना में नायब सूबेदार रहते हुए राष्ट्रपति से विशेष सेवा मेडल पाने वाले वे बिहार के एकमात्र एथलीट हैं. उनके करिश्माई प्रदर्शन के लिए उन्हें अर्जुन अवार्ड (Arjuna Award) से भी नवाजा गया है. 


खेलों के महाकुंभ में भी छोड़ी है अपनी छाप 
शिवनाथ सिंह ने लगताार दो ओलंपिक (1976 मांट्रियल और 1980 मास्को) में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. उन्होंने1976 मांट्रियल ओलंपिक मैराथन दौड़ (42 किमी) में 11वां स्थान भी हासिल किया था. उनका निधन 6 जून 2003 को 57 वर्ष की अल्प आयु में हो गया था, लेकिन उनके प्रदर्शन और जज्बे से आज भी बिहार के खिलाड़ी खुद को प्रेरित कर पाते हैं.


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