पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार आम चिकित्सकों की ही तरह पशु चिकित्सकों को भी सैलरी देने का फैसला बहुत जल्द करने वाली है. पटना के सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित ज्ञान भवन में पांच वर्षीय 'बिहार लाइव स्टॉक मास्टर प्लान' पुस्तिका का विमोचन एवं पशु मत्स्य संसाधन विभाग की विभिन्न जनोन्मुखी योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास करते हुए नीतीश ने कहा कि एनिमल हसबैंडरी की पढ़ाई करनेवाले छात्र बीच में ही पढ़ाई छोड़कर अन्य क्षेत्रों में चले जा रहे थे जिसको देखते हुए ऐसे छात्रों को प्रेरित करने के लिए उनकी सरकार ने स्कॉलरशिप देना शुरू किया. बहुत जल्द ही उनकी सरकार आम चिकित्सकों की तरह पशु चिकित्सकों को भी सैलरी देने का फैसला करने वाली है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एनिमल हस्बैंडरी की पढ़ाई में लगे छात्रों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पढ़ाई के अलावा सोशल कांसेप्ट पर भी ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बनाया है और अब ऐसे हॉस्पिटल भी डेवलप होने चाहिए जहां आउटडोर ट्रीटमेंट के साथ-साथ इनडोर ट्रीटमेंट की सुविधा हो. इस दिशा में पूरी मजबूती और गंभीरता के साथ अधिकारियों को ध्यान देने की जरूरत है. इसके अलावा एनिमल हसबैंडरी के जो हॉस्पिटल्स हैं वहां भी धीरे-धीरे यह व्यवस्था लागू होगी.


मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2008 में चार वर्षीय पहला कृषि रोडमैप बना था उसका काफी प्रभाव देखने को मिला. इसके बाद वर्ष 2012 में दूसरा कृषि रोडमैप (2012-17) लागू किया गया. दूसरे कृषि रोडमैप में हर जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उसका विस्तृत स्वरूप तैयार किया गया जिसमें कृषि, मत्स्य, राजस्व, सिंचाई जैसे 18 विभागों को शामिल किया गया जिसकी अच्छी उपलब्धि रही है और अब तीसरे कृषि रोडमैप (2017-22) पर काम आगे बढ़ रहा है.


उन्होंने कहा कि कृषि रोडमैप का मकसद है कि 76 प्रतिशत लोगों की आमदनी बढ़े और हर हिन्दुस्तानी की थाल में बिहार का एक व्यंजन हो. इस दिशा में काम तेजी से आगे बढ़ रहा है. कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस, मुख्यमंत्री के सलाहकार अंजनी कुमार सिंह एवं पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की सचिव एन. विजयलक्ष्मी ने भी संबोधित किया.