Patna: बिहार विधानसभा (Bihar Vidhansabha) के इतिहास का आज काला दिन है. ये हम यू हीं नहीं कह रहे हैं, बल्कि इसकी वजह भी सूबे की जनता के सामने आई है. दरअसल, बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान मंत्री सम्राट चौधरी स्पीकर विजय सिन्हा पर ही हावी हो गए. ऐसे हावी हो गए मानो स्पीकर ना होकर कोई अदना से इंसान हो. इसके बाद तो स्पीकर महोदय नाराज हो कर आसन से उठ गए. दो घंटे तक कार्यवाही में नहीं पहुंचे. लेकिन जब पहुंचे तो विपक्ष ने मसला उठा लिया. सीपीआई माले CPI (ML) ने मंत्री के बयान की आलोचना की तब जाकर मंत्री महोदय ने स्पीकर से माफी मांगी लेकिन तब तक तो गंगा में काफी पानी बन बह चुका था. 


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दरअसल, विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी के विधायक विनय बिहारी का सवाल आया. इसका जवाब पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) को देना था.  मंत्री ने अपने जवाब को ऑनलाइन नहीं दिया. विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्री से पूछा, 'आप ऑनलाइन जवाब क्यों नहीं देते. इसके बाद तेवर में आए मंत्री ने कहा कि 16 में 14 सवालों का जवाब ऑनलाइन दिया गया है. अध्यक्ष ने तत्काल आंकड़ा मंगवाया तो पता चला कि मंत्री सदन में गलत जानकारी दे रहे थे. विधानसभा अध्यक्ष ने आंकड़ा पढ़ते हुए कहा कि सिर्फ 63 प्रतिशत सवालों का जवाब ही ऑनलाइन आया है.'


इसके बाद मंत्री सम्राट चौधरी ने अध्यक्ष को ही कहा, 'बहुत व्याकुल मत होइये. मेरा सब काम हो रहा है.' इसके बाद अध्यक्ष ने मंत्री को अपना शब्द वापस लेने को कहा. लेकिन इसके बाद तो मंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष को ही उंगली दिखा कर बोलना शुरू कर दिया. मंत्री सम्राट चौधरी ने अपने शब्द को वापस लेने से इंकार कर दिया. मंत्री ने कहा, 'इस तरह से सदन नहीं चलता है. आप इस तरह का डायरेक्शन नहीं दे सकते. अध्यक्ष बार-बार कहते रहे कि आप आसन के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं कर सकते. लेकिन मंत्री सम्राट चौधरी अध्यक्ष से उसी लहजे में बात करते रहे.'


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इतना सब होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष आसन से उठकर चले गए. यहां तक कि प्रश्नकाल के दौरान भी स्पीकर सदन में नहीं पहुंचे.  लेकिन दो बजे के बाद कार्यवाही में स्पीकर पहुंचे तो. विपक्ष ने मंत्री को बर्खास्त करने की मांग रखी. हालांकि, विवाद गहराया तो पंचायती राज मंत्री ने स्पीकर से माफी मांगी. दरअसल, विधानसभा के इतिहास में ये सबसे काला दिन रहा. आज तक सदन के अंदर स्पीकर के साथ बदसलूकी नहीं हुई. लेकिन इस बार हुआ. ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार के मंत्रियों में गरिमा का ख्याल नहीं रह गया है क्या? पहले डिप्टी सीएम सवाल उठाते हैं अब मंत्री स्पीकर से भिड़ जाते हैं.


(इनपुट-आशुतोष चंद्रा/रजनीश)