Health minister mangal panday: बेटे के शव के लिए भीख मांग रहे मां-बाप को मिलेगा इंसाफः मंगल पांडेय
बिहार के समस्तीपुर से एक मामला सामने आया था जहां बेटे के शव के लिए पिता से पचास हजार रुपये की मांग की गई थी. जानकारी के अनुसार, महेश ठाकुर का मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटा (25) बीते 25 मई को घर से लापता हो गया था. इसके बाद परिजनों ने उसकी खोजखबर ली लेकिन उसका पता नहीं चला.
पटना : Health minister mangal panday: समस्तीपुर मामले में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि हमने सिविल सर्जन को जांच के आदेश दिए हैं, जांच के बाद जो रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, बिहार के समस्तीपुर से एक मामला सामने आया था जहां बेटे के शव के लिए पिता से पचास हजार रुपये की मांग की गई थी. जानकारी के अनुसार, महेश ठाकुर का मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटा (25) बीते 25 मई को घर से लापता हो गया था. इसके बाद परिजनों ने उसकी खोजखबर ली लेकिन उसका पता नहीं चला. सात जून को उन्हें जानकारी मिली कि मुसरीघरारी थाना क्षेत्र से एक अज्ञात युवक के शव को पुलिस ने बरामद किया है. जिसके बाद परिजन मुसरीघरारी थाना पहुंचे. थाना से उन्हें जानकारी दी गई कि शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है.
परिजनों को शव देने से किया इंकार
पिता महेश ठाकुर ने बताया कि पहले तो पोस्टमार्टम कर्मी ने शव दिखाने से आनाकानी कर रहे थे. लेकिन बाद में काफी गुहार के बाद उसे शव दिखाया गया. शव देखकर उसने अपने बेटे संजीव ठाकुर के रूप में शव की पहचान की. परिजनों का आरोप है कि जब कर्मी से शव को उनके हवाले करने की बात कही तब कर्मी के द्वारा पचास हजार रुपये की मांग की गई. इतनी मोटी रकम देने से असमर्थ जताई तब पोस्टमार्टम कर्मी ने परिजनों को शव देने से इंकार कर दिया.
शव लेने के लिए भीख मांगने को विवश हुए परिजन
जानकारी के अनुसार पोस्टमार्टम कर्मी के द्वारा देने से इनकार किये जाने के बाद लाचार माँ बाप रुपया इकट्ठा करने के लिए भीख मांगने को विवश है. मां-बाप मुहल्ले में घूम-घूम आँचल फैलाये भिक्षाटन कर रहे हैं. इस लाचार माता-पिता को देखकर हर कोई अस्पताल प्रशासन को कोस रहा है। लोगों का कहना है कि परिवार इतना गरीब है कि बेटे के अंतिम संस्कार तक करने में असमर्थ है. ऐसे में कुछ लोग रुपये देकर मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे है. सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के नाम पर रुपये मांगने का यह कोई पहला मामला नही है लेकिन हर मामले में शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के द्वारा जांच और कार्रवाई की बात कही जाती है . ऐसे में अब देखना है कि इतने संवेदनहीन कर्मी पर कब तक और क्या कार्रवाई होती है.