पटनाः Apara Ekadashi 2022: ज्येष्ठ मास की एकादशी कि तिथि को अपरा एकादशी है. अपरा एकादशी का व्रत करने वाले मनुष्य को उस फल की प्राप्ति होती है, जो गंगा के तट पर पिंडदान करने से प्राप्त होता है. साथ ही कुंभ में केदारनाथ या बदरीनाथ के दर्शन और सूर्य ग्रहण के समय स्वर्णदान करने से जो फल मिलता है, वही फल इस एकादशी के व्रत के प्रभाव से मिलता है इसलिए इस दिन लोग ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं और पूरे विधिविधान के साथ इसका व्रत करते हैं. आज यह एकादशी आयुष्मान योग में मनाई जा रही है. आयुष्मान योग में किए गए सभी कार्य लंबे समय तक फलदायी रहते हैं या उनका प्रभाव बहुत लंबे समय तक देखने को मिलता है. कहा जाता है कि इस योग में किया गया कार्य जीवन भर सुख देता है. 


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एकादशी के दिन न करें ये कार्य
एकादशी के एक दिन पहले यानी कि दशमी के दिन सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करना चाहिए. दशमी की रात भगवान का स्मरण करते हुए सोना चाहिए. व्रत वाले दिन किसी के साथ छल नहीं चाहिए. किसी पर क्रोध नहीं करना चाहिए. किसी की बुराई या निंदा नहीं करनी चाहिए. ब्राह्मणों या बड़े-बुजुर्गों का अनादर नहीं करना चाहिए. किसी से भी झूठ नहीं बोलना चाहिए. इस दिन चोरी और लोभ से भी बचना चाहिए. प्याज़, लहसुन जैसे तामसिक भोजन से बचें. एकादशी के दिन चावल का सेवन करना पूर्ण रूप से वर्जित माना गया है इसलिए भूलकर भी चावल का सेवन न करें.


आज एकादशी शुभ मुहूर्त


दिनांक: 26 मई, 2022
दिन: गुरुवार
हिंदी महीना: ज्येष्ठ
तिथि: एकादशी
एकादशी तिथि आरंभ: 25 मई, 2022 की सुबह 10 बजकर 34 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त: 26 मई की सुबह 10 बजकर 55 मिनट तक
पारण मुहूर्त: 27 मई, 2022 की सुबह 05 बजकर 25 मिनट से 08 बजकर 10 मिनट तक


गाय के दूध से करें भगवान का अभिषेक
अपरा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें और पूरे घर की अच्छे से साफ़-सफाई करें और फिर नहाने के बाद भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करें एवं उनका ध्यान करें. अपरा एकादशी के दिन पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं. अपरा एकादशी के दिन शाम के वक़्त घर के प्रत्येक हिस्से में दीपक जलाएं. इससे घर में समृद्धि आती है तथा धन की कमी नहीं रहती है. भगवान विष्णु का दिव्य आशीर्वाद पाने के लिए अपरा एकादशी के दिन दक्षिणावर्ती शंख में गाय के दूध से भगवान का अभिषेक करें.


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