पटनाः Apra Ekadashi 26th May: सनातनन परंपरा में एकादशी की तिथि का बहुत महत्व है. माह में दो एकादशी पड़ती हैं. इस बार ज्येष्ठ माह की एकादशी को अपरा एकादशी है. इसे अचला एकादशी भी कहते हैं. ये एकादशी 26 मई को है. गुरुवार का दिन होने से इस एकादशी का महत्व और भी बढ़ गया है. गुरुवार का दिन और एकादशी की तिथि दोनों के ही स्वामी भगवान विष्णु हैं. इस अद्भुत संयोग के साथ इस एकादशी पर कई और भी संयोग हैं जो एकादशी को खास बना रहे हैं. 


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ज्योतिष के मुताबिक, इस एकादशी पर तिथि, वार, नक्षत्र और ग्रहों से मिलकर सूर्योदय के साथ ही 6 शुभ योग बनेंगे. जिससे अपरा एकादशी व्रत का कई गुना शुभ फल मिलेगा और इस दिन भगवान विष्णु-लक्ष्मी की पूजा से समृद्धि बढ़ेगी. गुरुवार को सूर्योदय के साथ ही सर्वार्थसिद्धि योग लगेगा. इसके साथ ही सूर्य-बुध के योग से बुधादित्य, गुरु-चंद्र-मंगल से गजकेसरी और महालक्ष्मी योग रहेगा. साथ ही आयुष्मान और मित्र नाम के शुभ योग भी इस दिन रहेंगे. नक्षत्रों और ग्रहों की इस शुभ स्थिति में किए गए कामों का कई गुना शुभ फल मिलता है. 


व्रत के साथ ही स्नान-दान की भी परंपरा
ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है. इस तिथि पर पूरे दिन उपवास रखा जाता है. लेकिन उपवास न रख पाएं तो व्रत कर सकते हैं. लेकिन इसमें भी अन्न नहीं खा सकते. सिर्फ फल और दूध ले सकते हैं. इस दिन पवित्र नदियों के जल से स्नान किया जाता है. जरुरतमंद लोगों को खाना और जलदान करने की भी परंपरा है. वहीं, भगवान विष्णु और लक्ष्मीजी की पूजा करने से सुख और समृद्धि बढ़ती है. जाने-अनजाने में हुए हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं.


जानिए क्या है व्रत का शुभ मुहूर्त


  • एकादशी तिथि प्रारम्भ - मई 25, 2022 को 10:32 सुबह बजे

  • एकादशी तिथि समाप्त - मई 26, 2022 को 10:54 सुबह बजे

  • व्रत पारण करने का समय- 

  • 27 मई को, व्रत के पारण समय - 05:25 ए एम से 08:10 सुबह

  • पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 11:47 सुबह