2,200 से अधिक लोग हज पर जाने को तैयार, CM नीतीश ने कहा-शांति का पैगाम साथ में लाएं
बिहार से इस साल कुल मिलाकर 2,210 लोग हज यात्रा पर जाएंगे, जो कोविड-19 महामारी के कारण पिछले कुछ वर्षों से निलंबित थी.
Patna: बिहार से इस साल कुल मिलाकर 2,210 लोग हज यात्रा पर जाएंगे, जो कोविड-19 महामारी के कारण पिछले कुछ वर्षों से निलंबित थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार शाम यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन लोगों को शुभकामनाएं दी और कहा कि 'अल्लाह ने इस नेक काम के लिए उन्हें चुना है.'
उन्होंने कहा, 'राज्य सरकार साथ में 14 अधिकारियों और कर्मियों को भेजेगी, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि हज यात्रियों को यात्रा तथा विदेश में रहने के दौरान कोई असुविधा न हो.' कुमार ने कहा कि इस साल हज यात्रियों की संख्या कोविड से पहले के वक्त के मुकाबले बहुत कम है और 65 साल से अधिक आयु के लोगों को यात्रा की अनुमति नहीं दी गयी है.
उन्होंने कहा, 'मैं उम्मीद करता हूं कि यह जानलेवा वायरस गुजरे जमाने की बात हो जाए. हालांकि, इस स्थिति के मद्देनजर हम टीकाकरण समेत सभी एहतियात बरत रहे हैं.' मुख्यमंत्री ने यह भी उम्मीद जतायी कि हज यात्रा से अर्जित पुण्य 'समाज में प्रगति' लाए और 'भाईचारे की भावना' को बढ़ाए. सरकार के सूत्रों के अनुसार, हज तीर्थयात्री इस सप्ताह के अंत में ट्रेन और बस से कोलकाता रवाना होंगे.
बता दें कि रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हज भवन में आयोजित हज यात्रियों की रवानगी के पूर्व दुआईया मजलिस में शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि हज यात्रा से लौटकर आएं तो समाज में झगड़ा मिटाने का पैगाम भी साथ ले कर आएं. बिहार और देश में भाइचारे का भाव बढ़े. इस मौके पर बिहार राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष अब्दुल हक ने मुख्यमंत्री को फूलों का गुलदस्ता, टोपी एवं अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया.
(इनपुट: भाषा)