पटना: पूर्व बीजेपी नेता और एमएलसी सच्चिदानंद राय ने बीजेपी के रूख पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि ऐसी क्या मजबूरी है जो भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को मुख्यमंत्री बनाए रखना चाहती है? ये सवाल अब बीजेपी से जुड़े कार्यकर्ता पूछ रहे हैं.


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नीतीश को लेकर बीजेपी की क्या मजबूरी?
राय ने कहा कि क्यों बीजेपी के बड़े नेता नीतीश कुमार की तरफदारी कर रहे हैं, वो भी तब, जब जदयू की तरफ से बीजेपी को क्या नहीं कहा गया, फिर ऐसी क्या बात है जो बीजेपी ऐसा कर रही है. सच्चिदानंद राय ने कहा कि हम तो अब बीजेपी में नहीं है, फिर भी सवाल उठता है.


नीतीश कुमार ही बिहार में एनडीए के नेता: धर्मेंद्र प्रधान
दरअसल, सच्चिदानंद राय का बयान ऐसे समय आया है जब ये कहा जा रहा है कि बिहार में बीजेपी-जदयू के बीच सबकुछ ठीक नहीं है. दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे हैं. हालांकि, बीते दिनों बिहार दौरे पर पटना आए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद साफतौर पर कहा था कि बिहार में नीतीश कुमार ही एनडीए के नेता हैं और वो ही अगले विधानसभा चुनाव तक मुख्यमंत्री रहेंगे.


बीजेपी के कई बड़े नेता नीतीश से मिले
प्रधान ने कहा कि हां कुछ विषयों पर हमारी राय भिन्न हो सकती है लेकिन बीजेपी-जदयू में कोई मतभेद नहीं है. इससे पहले इसी माह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पटना में नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. इन मुलाकात को लेकर तमाम तरह के अर्थ निकाले जा रहे हैं. वहीं, कुछ महीनों में देखा गया कि तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के बीच दो-तीन मुलाकात हुई है जो सकारात्मक बताई जा रही है. साथ ही तेजस्वी और नीतीश का रूख एक-दूसरे के लिए बहुत अच्छा रहा है.


वहीं, बुधवार को एआईएमआईएम के पांच में से चार विधायकों ने राजद का दामन थाम लिया, जिसके बाद आरजेडी बिहार विधानसभा में सबसे बड़ा दल बन गया. इसके अलावा विपक्ष लगातार नीतीश कुमार को महागठबंधन में आने की अपील कर रहा है. साथ ही, नीतीश और विपक्ष कई मसलों पर एक साथ हैं, जो बीजेपी को असहज भी कर रहा है.