पटना: Bihar Vidhan Parishad Chunav 2022: बिहार विधान परिषद की सात सीटों के लिए सभी सात प्रत्याशियों को सोमवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया. सभी सात नवनिर्वाचित सदस्यों को प्रमाण पत्र भी सौंप दिया गया.


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सोमवार को प्रत्याशियों के नाम वापसी की अंतिम तिथि थी. किसी के नाम वापस नहीं लिए जाने के बाद सभी को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया. सात सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए सात प्रत्याशियों ने ही नामांकन का पर्चा दाखिल किया था, जिसके बाद ही निर्विरोध निर्वाचन तय माना जा रहा था.


निर्वाचित घोषित होने वालों में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अशोक कुमार पांडेय, मुन्नी रजक और कारी सोहेब जबकि जदयू के दो उम्मीदवार अफाक अहमद खान और रवींद्र प्रसाद सिंह और भाजपा की ओर से हरि सहनी और अनिल शर्मा शामिल हैं.


निर्वाचन का प्रमाणपत्र सौंपे जाने के दौरान एनडीए उम्मीवारों के साथ भाजपा की ओर से उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad), जदयू की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lallan Singh) सहित कई अन्य नेता मौजूद रहे.


बता दें कि ये सभी प्रत्याशी किसी सदन में पहली बार सदस्य बनें हैं. मालूम हो कि जदयू के कमरे आलम, गुलाम रसूल, रणविजय कुमार सिंह, रोजीना नाजिश और सीपी सिन्हा तथा भाजपा के अर्जुन सहनी और वीआइपी के मुकेश सहनी का कार्यकाल 21 जुलाई को पूरा हो रहा है. इनके खाली हुए सीटों को भरने के लिए यह चुनाव हुआ था.


इस बार, न केवल राजनीतिक दलों ने पुराने सदस्यों को फिर से उम्मीदवार नही बनाया बल्कि प्रत्याशी चयन में कार्यकर्ताओं को तरजीह दी गई. विधानसभा कोटे की सीट होने की वजह से इसमें मतदाता विधायक होते हैं. विधायकों की संख्या के हिसाब से दलों को सीटें मिलती हैं. उसी अनुसार प्रत्याशी भी तय कर लिए जाते हैं और मतदान की स्थिति नहीं बनती है.


संख्या बल में मजबूत नहीं रहने के कारण इस चुनाव में जदयू को नुकसान उठाना पड़ रहा है जबकि राजद को लाभ हुआ है. इधर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) का अब कोई भी सदस्य किसी सदन में नहीं रहेंगे.