Patna: बिहार विधानसभा में बृहस्पतिवार को पेश नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदेश में राजकोषीय घाटा पिछले वर्ष के 15103 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 29827 करोड़ रुपये हो गया है . कैग रिर्पोट में कहा गया है कि 2004-05 के बाद दूसरी बार 2020-21 के दौरान राज्य को 11325 करोड़ रूपये के राजस्व घाटे का सामना करना पड़ा. 


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कैग ने कहा, '2020-21 के दौरान राजस्व व्यय में 10.69 प्रतिशत की वृद्धि हुई. राजस्व प्राप्तियों में हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में 3.17 प्रतिशत की वृद्धि हुई फिर भी यह 2018-19 (131794 करोड़ रुपये) की तुलना में 2.75 प्रतिशत कम थी. राज्य को अपने राजस्व व्यय को पूरा करने के लिए पिछले वर्ष (23.23 प्रतिशत की वृद्धि) की तुलना में अधिक धन उधार लेना पड़ा है.'


 कैग रिर्पोट में कहा गया है कि इस प्रकार राज्य का राजस्व घाटा और राजकोषीय घाटा पिछले वर्ष की तुलना में क्रमशः 6.35 गुना और 2.03 गुना बढ़ गया. 


पिछले साल की तुलना में घाटा 15,103 करोड़ बढ़ा 


सदन में पेश CAG ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्तीय वर्ष  2020-21 में 29827 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा दर्ज हुआ है. यह पिछले साल की तुलना में 15,103 करोड़ ज्यादा है. रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान राज्य को 2004-05 के बाद दूसरी बार 11,325 करोड़ रुपए से अधिक के राजस्व घाटा का सामना करना पड़ा है.