Patna: बिहार में भाजपा ने शुक्रवार को ईसा पूर्व तीसरी सदी के महान शासक सम्राट अशोक की जयंती यहां धूमधाम से मनाई गई. वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में सम्राट अशोक शक्तिशाली ओबीसी समूह के लिए एक सांस्कृतिक थाती बन गये हैं. भाजपा ने यहां अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर में यह कार्यक्रम आयोजित किया. भाजपा को ऊंची जातियों की पार्टी समझा जाता है लेकिन वह अपने इस दायरे का विस्तार करना चाहती है. 


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 यह कदम भाजपा की उस रणनीति के अनुरूप है, जिसे गैर-यादव ओबीसी का दिल जीतने के लिए पड़ोसी उत्तर प्रदेश में सफलतापूर्वक जमीन पर उतारा गया. मंडल कमीशन के आलोक में गैर-यादव ओबीसी मजबूत तो हुआ, लेकिन उसके पास अपनी आकाक्षाओं के प्रकटीकरण के लिए राजनीतिक मंच नहीं है. कोइरी एवं कुर्मी एक ऐसा समीकरण बनाते हैं जिसे राज्य की राजनीतिक लोकोक्ति में 'लवकुश' कहा जाता है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुर्मी समुदाय से ही आते हैं. 


दिलचस्प है कि कुछ ही महीने पहले अशोक को कथित रूप से नीचा दिखाने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था और भाजपा पर उत्तर प्रदेश के नाटककार दया प्रकाश सिन्हा को संरक्षण देने का आरेाप लगा था. सिन्हा को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिल चुका है. 


जदयू संसदीय दल के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने आरोप लगाया था. भाजपा ने सिन्हा से इस कदर दूरी बना ली कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने प्राथमिकी दर्ज कर सिन्हा पर मगध के महान राजा का अपमान करन का आरोप लगाया. जायसवाल ने कहा कि सिन्हा झूठा दावा करते हैं कि उनका संबंध भाजपा से है. 


(इनपुट: भाषा)