मुजफ्फरपुरः Chamki Bukhar in Muzaffarpur: बिहरा में चमकी बुखार ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से एक बच्ची की मौत हो गई है. मृतका की पहचान एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में भर्ती कांटी प्रखंड में तीन साल की बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई है. बच्ची की पहचान शिवानी कुमारी के रुप में हुई है. 


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अस्पताल में बच्ची ने तोड़ा दम 
परिजनों ने बताया कि अचानक सुबह में उसके शरीर में बहुत ज्यादा ऐंठन होने लगी और तेज बुखार था. इसके बाद उसे स्थानीय पीएचसी काटी में ले जाया गया जहां से डॉक्टरों ने उसे तत्काल मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. मेडिकल कॉलेज के पीकू वार्ड में कई घंटों तक इलाज के बावजूद उसकी मौत हो गई. वहीं मिली जानकारी के मुताबिक नरकटियागंज स्थित कोइया गांव के सात साल के एइएसएक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) पीड़ित आनंद कुमार को स्वस्थ हो जाने पर डिस्चार्ज कर दिया गया.


अब तक 3 बच्चें गवां चुके जान 
चमकी बुखार से इससे पहले 2 बच्चों की मौत हो चुकी है. एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 45 बच्चे चमकी बुखार से पीड़ित भर्ती हुए हैं. जिसमें से अब तक 3 बच्चों की मौत हुई है. इसमें कांटी रहने वाली शिवानी कुमार, सीतामढ़ी के अंकित कुमार और वैशाली के कुंदन कुमार शामिल है. इस साल अब तक एइएस के 45 केस आ चुके हैं. इनमें से 41 मरीज स्वस्थ हुए हैं.


शिवानी को टेंपो में पहुंचाया गया था हॉस्पिटल
मुजफ्फरपुर के कांटी गोविंद फुलकाहा की तीन साल की जिस शिवानी की मौत एइएस से हुई है. जानकारी के मुताबिक शिवानी को जब चमकी बुखार आया था, तो एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड पहुंचने से पहले गांव के ही एक प्रैक्टिशनर ने उसे इंजेक्शन दिया था. उसके बाद भी जब तबीयत में सुधार नहीं हुआ और तबीयत अधिक बिगड़ने लगी. तब परिजनों ने उसे आनन-फानन में निजी टेंपो भाड़ा कर एसकेएमसीएच पहुंचाया. परिजनों ने बताया कि बच्चा बीमार पड़ा, तो टेंपो से लेकर एसकेएमसीएच लेकर गये. वहां पर इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. 


चमकी बुखार की वजह
आम बोलचाल में एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) को चमकी बुखार कहा जाता है. इससे ग्रसित मरीज का शरीर अचानक सख्त हो जाता है और मस्तिष्क तथा शरीर में ऐंठन शुरू हो जाती है. आम बोलचाल में इसी ऐंठन को चमकी कहा जाता है.


चमकी बुखार के लक्षण
चमकी बुखार से पीड़ित बच्चे को निरंतर तेज बुखार रहता है. शरीर में ऐंठन होती है. कमजोरी के चलते बच्चा बेहोश भी हो सकता है. कभी-कभी तो शरीर सुन्न भी हो जाता है और झटके लगते रहते हैं. इस बीमारी में सामान्य लक्षण ही देखने के मिलते हैं. लेकिन गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता होती है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं. साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना. अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए. 


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