Patna: बिहार में जातिगत जनगणना के बाद जनसंख्या नियंत्रण कानून के लागू करने की मांग उठ थी है. नीतीश कैबिनेट के ही मंत्री नीरज कुमार बबलू ने कहा कि बिहार में जातिगत जनगणना के साथ साथ-जनसंख्या नियंत्रण क़ानून भी लागू होना चाहिये. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उन्होंने आगे कहा कि बिहार में जातिगत जनगणना के समर्थन में सभी पार्टियां है और अब तो कैबिनेट ने भी मंजूरी दे दी है. लेकिन अब  राज्य में जिस तरह से एक धर्म विशेष की आबादी सीमांचल, मिथिलांचल, और क़ोशी इलाक़े में तेज़ी से बढ़ रही है, वो खतरनाक हैं. अगर जल्दी से  जनसंख्या नियंत्रण क़ानून लागू नहीं होगा तो हालात बेहद विस्फोटक हो जाएगा


कैबिनेट ने दी मंजूरी


बिहार सरकार अपने संसाधन से राज्यभर में जातीय जनगणना कराएगी. बिहार मंत्रिमंडल की गुरुवार को हुई बैठक में इससे संबंधित एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कुल 12 प्रस्तावों की मंजूरी दी गई. बैठक के बाद बैठक की जानकारी देते हुए मुख्य सच्ची आमिर सुबहानी ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में जातीय जनगणना कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.


उन्होंने कहा कि सरकार अपने स्तर से जातिगत जनगणना कराएगी. इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है जबकि सभी जिले के जिलाधिकारी जिले के नोडल पदाधिकारी होंगे.


उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना को कराने में 500 करोड़ रुपये का अनुमानित व्यय आने की संभावना है. उन्होंने बताया कि फरवरी 2023 तक इस कार्य को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस दौरान आर्थिक सर्वेक्षण करने का भी प्रयास किया जाएगा.