पटना : बिहार में अपहरण, लूट, चोरी व हत्या जैसे अपराध मामलों में वृद्धि हुई है. आये दिन किसी न किसी की हत्या हो रही है और यह सिलसिला जारी है. आम इंसान की कौन कहे पुलिसकर्मियों की भी हत्या अब आम हो गई है. कुछ इसी तरह का मामला सामने आया जब पटना जिलांतर्गत बिक्रम थाना का ग्रामीण पुलिस अर्थात चौकीदार की गोली मारकर हत्या कर दी गई. 


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मृतक की पहचान बिक्रम थानांतर्गत बाघाकोल फरीदपुर गांव निवासी सेवा निवृत्त चौकीदार निहोरा पासवान का पुत्र सह बिक्रम थाना का चौकीदार धर्मेंद्र कुमार पासवान के रूप में हुई. बताया जाता है कि बिक्रम थाना का चौकीदार धर्मेंद्र कुमार बीती रात बिक्रम थाना में ड्यूटी करने के लिए घर से निकला था. इसी दौरान बिक्रम थाना के नगहर पुल के समीप अज्ञात बदमाशों ने घेरकर धर्मेंद्र कुमार पर गोलीबारी की. गोलीबारी में धर्मेंद्र कुमार पासवान के शरीर में तीन गोली लगी जहां उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई.


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घटना की जानकारी पर बिक्रम थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर बिक्रम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया जहां चिकित्सक ने चौकीदार धर्मेन्द्र को मृत घोषित कर दिया. मौत की सूचना मिलने के बाद परिवार में कोहराम मच गया. आक्रोशित परिजनों,रिश्तेदारों एवं ग्रामीणों ने बिक्रम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर जमकर हंगामा किया तथा बिक्रम थाना का घेराव कर दिया. मृतक चौकीदार के भांजे पीयूष कुमार ने बताया कि पूर्व में मेरे मामा और मेरे ऊपर गांव के एक दबंग परिवार द्वारा आपसी विवाद को लेकर गोलीबारी हुई जिसमें मुझे गोली लगी और मामा धर्मेन्द्र बच गए. उसके बाद मैं एक महीना अस्पताल में भर्ती रहा. फिर मेरे मामा धर्मेंद्र पासवान पर कई बार हमला हुआ. बिक्रम थाना में उन्होंने फरियाद किया लेकिन किसी ने नहीं सुना. उसी विवाद को लेकर देर रात जब वे ड्यूटी करने थाना जा रहे थे तभी नगहर गांव के समीप कुछ लोगों ने घेरकर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी. साथ ही भांजे ने बताया कि मेरे गोली लगने के मामले में मेरे मामा धर्मेन्द्र पासवान गवाह थे और 18 अगस्त को न्यायालय में गवाही थी. इसी को लेकर मेरे मामा की गोली मारकर हत्या कर दी गई.


वहीं मृतक धर्मेन्द्र पासवान का छोटा भाई पीयूष कुमार,पत्नी सीमा देवी,पिता निहोरा पासवान ने भी रोते-बिलखते कंपकपाते होठ से बिक्रम थाना के पुलिसकर्मियों पर कई आरोप लगाए.  न्याय की गुहार लगाते हुए उच्चाधिकारी को बुलवाने की मांग पर अड़े परिजन एवं ग्रामीणों ने घंटों हंगामा किया तथा एस एच 2 पथ को जाम कर दिया. हालांकि घटना के बाद बिक्रम पुलिस ने हत्या के मामले में गांव के कुछ लोगों को हिरासत में लेकर थाना ले आई है जिससे फिलहाल पूछताछ की जा रही है.


इस घटना को लेकर पालीगंज एएसपी अवधेश सरोज ने मौके पर पहुंचकर न्याय दिलाने का भरोसा दिया और उनके द्वारा दिये गए आश्वासन पर शांति बहाल हुई. उन्होंने बताया कि हत्या मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है. फिलहाल इस घटना को लेकर परिजनों की तरफ से प्राप्त आवेदन के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं सरकारी प्रावधान के अनुसार मृतक के आश्रित को मुआवजा सहित अन्य लाभ दिलाया जाएगा. बहरहाल इस घटना के बाद बाघाकोल फरीदपुर गांव में तनाव का वातावरण है जिसपर पुलिस की नजर है.