गिरते भूजल स्तर को मापने के लिए संसाधन विभाग का बड़ा फैसला, लगेंगे डिजिटल वाटर लेवल रिकॉर्डर
बिहार के कई क्षेत्रों में गिरते भूजल स्तर को मापने के लिए अब वाटर लेवल रिकॉर्डर मशीन लगेगी. भूजल स्तर को मापने के लिए डिजिटल वाटर लेवल रिकॉर्डर मशीन लगेगी. बताया जाता है कि मशीन में चिप लगा होगा जो ऑनलाइन वाटर लेवल बताएगा. इसकी निगरानी सीधे मुख्यालय से होगी.
Patna: बिहार के कई क्षेत्रों में गिरते भूजल स्तर को मापने के लिए अब वाटर लेवल रिकॉर्डर मशीन लगेगी. भूजल स्तर को मापने के लिए डिजिटल वाटर लेवल रिकॉर्डर मशीन लगेगी.
बताया जाता है कि मशीन में चिप लगा होगा जो ऑनलाइन वाटर लेवल बताएगा. इसकी निगरानी सीधे मुख्यालय से होगी. लघु जल संसाधन विभाग के मुताबिक, भूजलस्तर की बेहतर मॉनिटरिंग के लिए दो सौ डिजिटल वाटर लेवल रिकॉर्डर लगाए जाएंगे.
बताया जाता है कि राज्य में 500 से अधिक वाटर लेवल रिकॉर्डर मशीन लगाई गई है. भूजल स्तर को उसी के अनुरूप मापने के बाद सरकार फिर निर्णय लेती है. उल्लेखनीय है कि दो से तीन साल पहले बिहार के कई क्षेत्रों में भूजलस्तर में तेजी से गिरावट देखी गई थी, जिन्हें क्रिटिकल क्षेत्र घेषित किया गया था. ऐसे में जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत की गई थी. साथ ही भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए कुओं और तालाबों को अतिक्रमणमुक्त कर उसकी मरम्मत करने और कारगर बनाने का काम शुरू किया गया था.
अधिकारियों का मानना है कि इससे बेहतर परिणाम भी देखने को मिले थे. बताया जाता है कि जल संरक्षण के प्रति जागरूक बनाने के लिए सरकार विशेष अभियान चला रही है. सरकारी भवनों, उच्च स्थलों, स्कूलों, सार्वजनिक संस्थानों के छतों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की गई है. तालाबों को चिह्न्ति कर जीर्णोद्धार किया जाएगा. भूजलस्तर बनाए रखने के लिए चेक डैम भी बनाए जा रहे हैं.
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की ओर से इस गर्मी के मौसम में 27 से अधिक टीम बनायी गयी थी, जो जिलों में भूजल के स्तर पर अनी निगाह रखी. बताया जाता है कि राज्य के जमुई, औरंगाबाद और गया जिले के कुछ प्रखंडों में भूजल स्तर नीचे चला जाता है, हालांकि यह इलाका अभी क्रिटिकल जोन में नहीं है.
(इनपुट: आईएएनएस)