Patna: बिहार के चुनावों में एक दौर था जब बिजली की बदतर स्थिति का मुद्दा सभी मुद्दों पर हावाी होता था, लेकिन अब सत्ता पक्ष अपने विकास की योजनाओं में इसे शामिल कर इसका श्रेय लेने से नहीं चुकती. बिहार में बिजली उत्पादन में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. ऊर्जा  विभाग के आंकड़े भी बताते हैं कि राज्य में बिजली उत्पादन के क्षेत्र में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. आंकड़े के मुताबिक, राज्य में 2012 में 2000 मेगावट बिजली का उत्पादन होता था, लेकिन आज राज्य में बिजली की उत्पादन की क्षमता बढकर 14 हजार मेगावट से अधिक हो चुकी है.


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उर्जा विभाग के एक अधिकारी कहते हैं कि बिहार में जरूरत से दोगुनी बिजली आपूर्ति की क्षमता तैयार हो गई है. इस साल के अंत तक राज्य में बिजली की अधिकतम मांग सात हजार मेगावाट होने की उम्मीद है, जबकि पिछले महीने ही बिजली कंपनी ने लगभग 15 हजार मेगावाट आपूर्ति की क्षमता विकसित कर ली है.


बिहार सरकार का दावा है कि राज्य के सभी घरों में बिजली पहुंचा दी गई है. हर घर बिजली कनेक्शन के कारण बिहार में उपभोक्ताओं की संख्या में हुई वृद्धि को नकारा नहीं जा सकता है. वर्ष 2014-15 में बिहार में प्रति व्यक्ति बिजली खपत 203 किलोवाट आवर थी जो बढकर 2020-21 में 350 किलोवाट आवर हो चुकी है.


राज्य के उर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव भी कहते हैं कि जरूरत से अधिक बिजली होने पर बाजार में जाना स्वाभाविक है. आज बिहार में हर जगह बिजली है. भविष्य की जरुरतों को लेकर भी हमारे पास पूरा रोडमैप तैयार है. हम अपनी जरूरत पूरी करने के बाद शेष बिजली बाजार को देंगे, उससे किसी और की जरूरत पूरी होगी.


उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिहार में जरूरत के अनुसार संचरण क्षमता विकसित हो चुका है. उन्होंने कहा कि भविष्य का आकलन कर आगे की योजना बनाई गई. राज्य में फिलहाल 6500 मेगावाट बिजली आपूर्ति की मांग है जबकि औसतन छह हजार मेगावाट बिजली आपूर्ति हो रही है.


बिहार के औरंगाबाद जिले के नवीनगर पावर जेनरेटिंग कंपनी की तीसरी इकाई से बिजली उत्पादन शुरू हो गया है. इस इकाई से उत्पादन शुरू होते ही बिहार को 680 मेगावाट बिजली मिलने लगी. इस तरह अब नवीनगर की तीनों यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू हो गया. अब यहां से 1980 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने लगा है.


(इनपुट: आईएएनएस)