किसानों के मुद्दे पर केसी त्यागी के उलट ललन सिंह का बयान, बोले-`नए कृषि कानून पर मोदी सरकार के साथ JDU`
देश में नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं. किसानों के आंदोलन के बीच जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव व वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने बयान दिया है. अब त्यागी के बयान के उलट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बयान दिया है.
Patna: देश में नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं. किसानों के आंदोलन के बीच जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव व वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने बयान दिया है. दरअसल, केंद्र और बिहार में बीजेपी की सहयोगी जेडीयू नेता केसी त्यागी ने किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है.
इसके बाद डैमेज कंट्रोल के लिए अब मैदान में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह उतर गए हैं. ललन सिंह ने कहा कि कृषि कानून के मुद्दे पर उनकी पार्टी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ है. किसानों के हित में केंद्र सरकार जो फैसला लेगी उनकी पार्टी उसके साथ रहेगी.
इसके आगे ललन सिंह ने कहा कि बिहार में किसानों की हालत अच्छी है आय बढ़ी है. उन्होंने कहा कि लोकसभा से पास कृषि कानून बिल पर हमारी पार्टी केंद्र के साथ है. इस कानून के बाद तो अच्छा है कि किसान कहीं भी अपने फसल को बेच सकते हैं.
केसी त्यागी ने किया BJP को असहज!
दरअसल, जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा, 'देश के किसानों में असंतोष बढ़ा है. किसानों की हालत खराब हुई है. ऐसे में किसानों के हित में किसान आयोग का गठन करना बेहद जरूरी है.' केसी त्यागी के इस बयान के बाद बिहार में सियासी भूचाल आ गया और विपक्ष राज्य की एनडीए सरकार पर हमलावर हो गया. त्यागी के इस बयान के बाद जदयू को कांग्रेस का साथ मिला तो बीजेपी ने नसीहत दी. साथ ही जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी (K C Tyagi) ने किसानों के मुद्दों पर केंद्र सरकार को दो टूक कहा, 'पूरे देश में किसानों में असंतोष है. किसान आत्महत्या कर रहा है.'
केसी त्यागी की मोदी सरकार को सलाह
इतना ही नहीं, केसी त्यागी ने केंद्र सरकार को सलाह भी दी. उन्होने आगे कहा, 'किसानों के नेता शरद पवार (Sharad Pawar), प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) के साथ-साथ नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को भी किसानों से मध्यस्थता के लिए केंद्र सरकार को पहल करते हुए बातचीत के लिए बुलाना चाहिए.'
कांग्रेस ने JDU पर लगाया दोहार रुख अपनाने का आरोप
वहीं, केसी त्यागी के इस बयान का कांग्रेस ने स्वागत किया है और कहा है कि जेडीयू नेता ने किसानों के हित में बोला है. कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार (Modi Sarkar) में देश का किसान हताश और निराश हो चुका है. इसके साथ ही, कांग्रेस ने जेडीयू पर किसानों के मुद्दे पर दोहरा रुख अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि अगर पार्टी इतना ही अन्नदाताओं की हितैषी है तो, उसकी सरकार के मुखिया सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अब तक क्यों चुप्पी साधे हुए हैं.
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RJD ने BJP-JDU को ठहराया जिम्मेदार
इधर, कांग्रेस की सहयोगी आरजेडी (RJD) ने कहा है कि देश में किसानों की स्थिति सही नहीं है.पार्टी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'किसानों की इस बिगड़ती स्थिति के लिए जितना जिम्मेदार केंद्र में मोदी सरकार है उतनी ही जिम्मेदार जेडीयू भी है. क्योंकि केंद्र में सत्ता हो या बिहार की सत्ता दोनों जगहों पर जेडीयू बीजेपी की सहयोगी है. लिहाजा जेडीयू की भी जिम्मेदारी बनती है और वह भी किसानों और बेरोजगारी के मुद्दे पर बराबर की जिम्मेदार है.' तिवारी ने कहा कि केसी त्यागी सिर्फ किसानों को बरगलाने के लिए ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं.
BJP ने इशारों-इशारों में JDU को दिया संदेश
जेडीयू नेता के इस बयान पर बीजेपी खुलकर तो कुछ नहीं बोल रही है लेकिन इशारों-इशारों में उन्होंने केसी त्यागी के बयान पर पार्टी को संदेश जरूर दे दिया. बीजेपी के प्रवक्ता अखिलेश सिंह ने कहा, 'किसानों के मुद्दे पर किसी को भी उत्तरदायित्व के साथ अपनी बात रखनी चाहिए. क्योंकि मोदी सरकार में ही किसानों को उनका वाजिब हक मिल रहा है और उनकी स्थिति लगातार सुदृढ़ होती जा रही है. चाहे उनके खाते में पैसे भेजने की बात हो या किसानों की आय बढ़ाने की बात हो, मोदी सरकार ने किसानों की स्थिति को सुधारने के लिए हर एक कदम उठा रही है.'
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JDU ने किया त्यागी के बयान का बचाव
वहीं, जेडीयू ने केसी त्यागी के बयान का बचाव किया. अभिषेक झा ने कहा, 'हाल के दिनों में किसानों की स्थिति और हालात थोड़े बिगड़े है. किसान कर्ज से परेशान है. मजबूरन आत्महत्या कर रहा है. ऐसे में देश के अन्नदाताओं की स्थिति सुधारने की जरूरत है और केंद्र सरकार इस पर पहल करके किसानों की बेहतरीन के लिए आगे आए.' उन्होने कहा कि किसानों की स्थिति सुधारने के लिए किसान आयोग बेहद जरूरी है.
(इनपुट-रीतेश मिश्रा/नेहा सिंह)