Patna: पटना (Patna) में बस स्टैंड (Bus Stand) बनाने के विरोध में किसान विरोध-प्रदर्शन पर उतर आए हैं. राजधानी में सरकार बस स्टैंड बनाना चाहती है. लेकिन अन्नदाता का साफ कहना है कि जान दें देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे.


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जमीन अधिग्रहण का विरोध
जीरो माइल के पास बैरिया में एक बस स्टैंड बनकर तैयार है. लेकिन, बिहटा (Bihta) के कन्हौली में बनने वाले दूसरे बस अड्डे के विरोध में किसानों ने लामबंद होना शुरु कर दिया है. किसानों का कहना है कि सरकार ने उनके साथ गलत किया है. गांव की कृषि भूमि पर सरकार अधिग्रहण करना चाहती है. लेकिन, वे लोग ऐसा नहीं होने देंगे. 


जमीन के लिए जान देने को तैयार किसान
किसानों ने दलील दी कि जमीन से उनका पूरा परिवार कई पुस्तों से खेती कर परिवार चला रहा है. ऐसे में, अगर उनकी जमीन छिन जाएगी तो उनके खाने पीने के लाले पड़ जाएंगे. किसानों ने कहा कि सरकार की नजर हर वक्त गरीबों पर रहती है. सरकार जो जमीन बस स्टैंड बनाने के लिए अधिग्रहण (Land Acquisition) कर रही है वो उपजाऊ है. इतना ही नहीं, गांव के कई घरों को भी तोड़ा जा रहा है. वे बेघर होने के साथ भुखमरी को दावत नहीं दे सकते. 


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बिल्डर वाली जमीन से परहेज क्यों?
कन्हौली गांव की महिला किसान का कहना है कि सरकार केवल गरीबों को मारने का काम कर रही है. जमीन लेने से पहले CM नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने किसानों से बात तक नहीं की. कन्हौली मौजा के अलावा पास में बिशनपुरा और पैनाठी में भी काफी जमीन है. जिसपर बिल्डर का कब्जा है. सरकार उस जमीन को नहीं ले सकती. 


बड़े आंदोलन की चेतावनी
अन्नदाता सरकार से बस स्टैंड को कहीं और ले जाने की अपील कर रहे हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो वो बड़ा आंदोलन करने से गुरेज नहीं करेंगे.


फैसले पर लग चुकी है कैबिनेट की मुहर
सारा मामला पटना में बने बस अड्डे के दबाव को कम करना है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूसरा बस स्टैंड बनाने का फैसला किया था. फैसले पर कैबिनेट की मुहर भी लग चुकी है. पास प्रस्ताव के मुताबिक बस स्टैंड का निर्माण बिहटा कन्हौली के रिंग रोड प्रोजेक्ट के पास 50 एकड़ जमीन पर किया जाना है. जिसके विरोध में किसान हल्ला बोलने की जुगत में है.


(इनपुट-इश्तियाक)