मुंगेर: मुंगेर प्रमंडलीय मुख्यालय में अब फोरेंसिक लैब (विधि विज्ञान प्रयोगशाला) की स्थापना की जाएगी. इसके लिए मुफस्सिल थाना परिसर में जमीन चिन्हित कर ली गई है. विधि विज्ञान प्रयोगशाला स्थापित हो जाने के बाद दूसरे जिलों के लैब पर निर्भर नहीं रहना होगा. साथ ही आपराधिक घटनाओं के साक्ष्य समय पर जुटाने में भी मददगार साबित होगी.


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वर्तमान में दूसरे जिले के लैब की ली जा रही मदद
वर्तमान में आपराधिक घटना होने पर वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने एवं परीक्षण कराने के लिए जिला पुलिस भागलपुर या पटना के फोरेंसिक लैब पर निर्भर है. आपराधिक घटना होने पर टीम को आने में समय लगती है. साथ ही जांच रिपोर्ट मिलने में भी विलंब होता है. लैब की स्थापना हो जाने के बाद पुलिस को सहूलियत होगी. साक्ष्य जुटाने के बाद समय से जांच रिपोर्ट मिलने से अनुसंधान त्वरित गति से हो सकेगी. 


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संगीन मामलों की जांच में होगी सुविधा
एसपी ने कहा की अपराधियों के प्रयास होते हैं कि वारदात को अंजाम देने के बाद मौके पर पुलिस को कोई ऐसा सबूत न मिले जिससे उसका सुराग मिल सके. संगीन मामलों की विवेचना में पुलिस की परेशानी बढ़ जाती है. ऐसी विषम परिस्थितियों में वैज्ञानिक तरीकों से जुटाए साक्ष्य निश्चित रूप से पुलिस को अपराधियों तक पहुंचाने में सफलता प्रदान करते हैं. ऐसा तभी संभव है जब घटना के बाद कम समय में साक्ष्य जुटाया जाए और समय से रिपोर्ट आ जाए. 


वर्तमान में बड़ी वारदात होने पर दूसरे जिले से फोरेंसिक टीम बुलानी पड़ती है. इसमें काफी समय लग जाता है. इससे फिंगर प्रिंट की क्वालिटी प्रभावित होने का खतरा बना रहता है. फोरेंसिक लैब स्थानीय स्तर पर होने से वारदात के बाद टीम घटनास्थल पर जल्द पहुंचकर वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाएगी. साथ ही रिपोर्ट भी जल्द देगी. इससे पुलिस को किसी घटना के अनुसंधान करने में सहूलियत मिलेगी. साथ ही समय की भी बचत होगी. मुंगेर में लैब खुल जाने से पड़ोसी जिले लखीसराय, जमुई को भी फायदा होगा. इसको लेकर एसपी ने कहा मुंगेर में फोरेंसिक लैब खुलेगा. मुफस्सिल थाना परिसर में जमीन चिन्हित कर मुख्यालय को प्रस्ताव भेज दिया गया है.