Kishanganj: बिहार के किशनगंज में वोट बैंक का खेल चल रहा है. यहां पर अल्पसंख्यकों को लुभाने के लिए सरकारी स्कूलों में अलग अलग कानून चल रहा है. मुस्लिम आबादी वाले सरकारी स्कूलों में शुक्रवार के दिन साप्ताहिक छुट्टी रहती है, जिसको लेकर वहां के पूर्व विधायक ने विरोध जताया है. उन्होंने कहा है कि एक राज्य में एक कानून लागू होना चाहिए. जिस पर AIMIM ने निशाना साधा है और कहा है कि तीन तलाक, हिजाब, और अज़ान के बाद अब नमाज पढ़ने को लेकर मुद्दा बनाया जा रहा है.


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शुक्रवार को जुम्मे की नमाज में होती है आसानी


बिहार में स्कूल मदरसे के रास्ते पर चल रहे हैं. जिस प्रकार से मदरसों में शुक्रवार के दिन साप्ताहिक छुट्टी होती है, उसी प्रकार से बिहार सरकार के द्वार मुस्लिम आबादी वाले स्कूलों में भी शुक्रवार के दिन साप्ताहिक छुट्टी की परंपरा कई सालों से चल रही है. जिसके कारण सरकार के सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं. वोट बैंक के चलते बिहार में सरकारी स्कूलों में अलग अलग कानून बनाए हुए हैं. किशनगंज के सरकारी स्कूलों में रविवार के दिन छुट्टी होने की जगह शुक्रवार के दिन साप्ताहिक छुट्टी दी जाती है. रविवार के दिन सरकारी स्कूल खुले रहते हैं. इस पूरे मामले के बारे में किशनगंज से 12 किलोमीटर दूर स्थित हालामाला पंचायत के एक सरकारी स्कूल के बारे में जानकारी हासिल की गई. वहां के छात्रों ने बताया कि शुक्रवार को स्कूल बंद होने की परंपरा सालों से चली आ रही है. इससे जुम्मे की नमाज पढ़ने में आसानी होती है, साथ ही बाकी के सभी काम शुक्रवाक के दिन पूरे किए जाते हैं. इसके अलावा रविवार के दिन स्कूल खुला रहता है. 


शिक्षकों से ली गई जानकारी
सरकारी स्कूल के शिक्षक ने इस विषय में जानकारी दी उन्होंने कहा कि साप्ताहिक छुट्टी का अर्थ होता है कि हम रविवार के दिन अपने परिवार और बच्चों के साथ समय व्यतीत कर सकें. उन्होंने बताया कि शहर में लाइन उर्दू मध्य विद्यालय नामक स्कूल जिला शिक्षा पदाधिकारी के आदेश पर शुक्रवार के दिन स्कूल बंद रहता है. लेकिन शुक्रवार के दिन स्कूल क्यों बंद रहता है और रविवार के दिन क्यों बंद इस बारे में शिक्षक ने कोई भी जानकारी सांझा करने से इंकार किया है.


पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल ने सरकार पर खडे़ किए सवाल
इस पूर मामले में पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल ने सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है. जिसका नतीजा है कि रविवार के दिन स्कूल खुला रहता है और शुक्रवार के दिन स्कूल बंद रहता है. उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद से ही रविवार के दिन स्कूल की साप्ताहिक छुट्टी की परंपरा चलती आ रही है. एक ही राज्य में कई समुदाय के लोग रहते है, सभी लोग अपने अपने धर्मों को मानते हैं. इसका मतलब ये हुआ कि सभी के लिए अलग अलग साप्ताहिक छुट्टी रहेगी. उन्हों आगे कहा कि एक देश और सभी के लिए एक ही कानून होना चाहिए.



AIMIM के प्रवक्ता शाहिद रब्बानी ने दिया बयान 
इस पूरे मामले के बाद AIMIM के प्रवक्ता शाहिद रब्बानी ने भी बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि कुछ लोग अब जुम्मे की नमाज को टारगेट कर रहे हैं. यह मुस्लिमों की इबादत का दिन होता है. बिहार सरकार के द्वारा शुरूआत से ही मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में शुक्रवार को सरकारी स्कूलों में साप्ताहिक छुट्टी का नियम लागू है. जिसके चलते अब लोगों को परेशानी हो रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोग सोमवार और मंगलवार के दिन भी पूजा करते हैं जिससे हमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन लोगों को जुम्मे से परेशनी क्यों हो रही है. 


हालांकि मामले की पुष्टी करते हुए जिला के शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार गुप्ता ने कहा कि जिस भी स्कूल में मुस्लिम छात्रों की संख्या अधिक है उन स्कूलों को शुक्रवार को बंद रखा जाता है और इसी परिस्थिति में रविवार के दिन स्कूल को संचालन किया जाता है.


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