नीतीश कुमार ने जय प्रकाश नारायण को किया याद, कहा-लोकनायक के विचारों को भुलाना मुश्किल
सीएम ने आगे कहा, `गांधी, जेपी, लोहिया के विचारों को अपनाते हुए समाज को हमलोगों को आगे बढ़ाना है, समाज में एकता बनाए रखना है, समाज में भाईचारे की भावना रखनी है. इन सब चीजों की सीख हम सभी को इन्हीं लोगों से मिली है.`
Jayaprakash Narayan Jayanti: रोबोस आज लोकनायक जय प्रकाश नारायण की 119वीं जयंती है. इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को चरखा समिति (प्रभा-जयप्रकाश स्मृति संग्रहालय) कदमकुआं पहुंचे और जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान सीएम ने जय प्रकाश नारायण के शयनकक्ष, सभा कक्ष, प्रबावती स्मृति कक्ष सहित पूरे परिसर का मुआयना किया.
'जेपी से बहुत कुछ सीखने को मिला'
वहीं, जेपी को याद करते हुए नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा, 'हमारा सौभाग्य है लोकनायक जय प्रकाश नारायण जी हमें मानते थे. जेपी के विचारों जो विचार हैं, उन्होंने जिस प्रकाश नेतृत्व किया उससे हम लोगों को बहुत कुछ सीखने का मौका मिला. आज हम लोग उसी के आधार पर काम कर रहे हैं.'
'गांधी, जेपी और लोहिया के विचारों को अपनाना है'
सीएम ने आगे कहा, 'गांधी, जेपी, लोहिया के विचारों को अपनाते हुए समाज को हमलोगों को आगे बढ़ाना है, समाज में एकता बनाए रखना है, समाज में भाईचारे की भावना रखनी है. इन सब चीजों की सीख हम सभी को इन्हीं लोगों से मिली है.'
'नई पीढ़ी के लोग जेपी को करें याद'
नीतीश कुमार ने कहा, 'लोकनायक जय प्रकाश नारायण के विचारों को कभी भुलाया नहीं जा सकता. हम लोग उन्हीं के विचारो के आधार पर आगे बढ़ते हुए काम कर रहे हैं. हमारा मकसद है कि नई पीढ़ी के लोग इन सब चीजों को जानें.'
PM नरेंद्र मोदी ने जेपी को किया याद
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी आज जेपी को याद करते हुए लिखा, 'लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जंयती पर उनको श्रद्धांजलि. वह एक उल्लेखनीय व्यक्तित्व थे, जिन्होंने भारत के इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ी. उन्होंने खुद को लोक कल्याणकारी पहलों के लिए समर्पित कर दिया और भारत के लोकतांत्रिक लोकाचार की रक्षा करने में सबसे आगे थे. हम उनके आदर्शों से बहुत प्रभावित हैं.'
बता दें कि जय प्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्टूबर 1902 में बिहार के सारण जिले में हुआ था. 'भारत रत्न' (Bharat Ratna) और 'मैग्सेसे पुरस्कार' (Magsaysay Award) से सम्मानित समाजवादी नेता जेपी को 'भारत छोड़ों आंदोलन' (Quit India Movement) और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के खिलाफ 'संपूर्ण क्रांति' आंदोलन का नायक कहा जाता है. जेपी के अगुवाई में ही 70 के दशक में संपूर्ण क्रांति आंदोलन हुआ था, जिसकी गूंज न सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया में में हुई थी.