Ranchi: झारखंड में एक बार फिर से किसानों के लिए मुसीबतें कड़ी हो रही है. इस बार राज्य में मानसून काफी ज्यादा रूठा नजर आ रहा है. 25 दिन से ज्यादा होने के बाद भी किसानों को अभी तक सिर्फ  निराशा ही हाथ लगी है. बारिश न होने की वजह से  किसानों के खेत सूखे पड़ें हैं. जिसके बाद मौसम की मार ने राज्य सरकार को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है. अभी तक जरूरत से 43 प्रतिशत कम बारिश हुई है, जिस वजह से धान का रोपाई शुरू नहीं हो पाई है. 
किसानों के खेत परती पड़े हैं और वो बारिश का इंतजार कर रहे हैं. 


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कृषि विभाग ने  शुरू की तैयारी 


मानसून की बेरुखी के बाद कृषि विभाग ने अपनी कमर कस ली है. जिसके बाद  राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. इस मीटिंग में राज्य में बारिश का आकलन किया जाएगा. इसको लेकर कृषि विभाग का मानना है कि अगर एक दो हफ्ते में अच्छी बारिश नहीं होती है तो खेती पर इसका बुरा असर पड़ेगा. पिछले साल राज्य में 18 लाख हेक्टेयर भूमि पर खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था.


इस लक्ष्य को कृषि विभाग ने 92 प्रतिशत हासिल कर लिया था. इसके अलावा खाद्यान उत्पादन में भी नया रिकॉर्ड दर्ज हुआ था. जिसके बाद इस बार भी कृषि विभाग ने 18 लाख हेक्टेयर भूमि पर खेती करने का लक्ष्य बनाया था, लेकिन कम बारिश की वजह से उनकी उम्मीदों को झटका लगा है.  


कृषि विभाग ने झारखंड राज्य फसल राहत योजना को लॉन्च करने की योजना बना ली हिया. इसका प्रावधान पहले ही बजट में किया जा चुका है. फसल नहीं होने के  हालात में इस योजना से किसानों को राहत देने का प्लान है. कृषि विभाग ने इस योजना का ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया है .


 



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