गरीब बच्चों को नहीं मिल रहा है मिड डे मील का लाभ, संवेदक ने गबन की 799 क्विंटल चावल
शिक्षा विभाग ने संवेदक पर प्रपत्र क गठित कर प्राथमिकी दर्ज कराई है
Katihar: बिहार के कटिहार से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है.यहां 4 हजार 988 क्विंटल माध्यन भोजन का अनाज रास्ते से गबन हो गया है. शिक्षा विभाग ने संवेदक पर प्रपत्र क गठित कर प्राथमिकी दर्ज कराई है. वहीं, गबन हुए 4 हजार 988 क्विंटल आवंटित अनाज के ढुलाई खर्च का भी संवेदक के द्वारा भुगतान भी कर दिया गया है.
ये भी पढ़े-UPSC टॉपर शुभम का बड़ा खुलासा, बताया-उनके नाम पर चल रहे हैं कई फेक सोशल मीडिया अकाउंट
वहीं,विद्यालय के शिक्षक ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आवंटित अनाज विद्यालय में अभी तक नही पहुंचा है. उन्होंने आगे कहा कि मई, जून,जुलाई और अगस्त तक का चावल नही मिला है. आवंटित चावल नही मिलने के करण विभाग को प्रपत्र क नही जमा कर पाया हूं. उन्होंने कहा कि हमें चावल पिछले वर्ष अक्टूबर और नवंबर के साथ दिसंबर जनवरी फरवरी 2021में जो आवंटित चावल प्राप्त हुआ उसका प्रपत्र विभाग को दे चुका हूं.
संवेदक ने गबन की 799 क्विंटल चावल
इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज हो चुकी है. बारसोई अनुमंडल क्षेत्र में 28 लाख के अनाज के सवाल पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि उसमें संवेदक के द्वारा 799 क्विंटल चावल को बेच दिया गया है. उन्होने कहा कि मामले जब संज्ञान में आया तो उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है. 28 लाख की वसूली के लिए सर्टिफिकेट केस भी किया गया और उस संवेदक की संविदा भी रद्द कर दी गई.
ये भी पढ़े-मजाक बनी शिक्षा! बिना सूचना विद्यालय से गायब रहने वाले शिक्षक बना रहे हैं फर्जी उपस्थिति
कोरोना महामारी के दौरान हुआ था गबन
जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा बारसोई प्रखंड के मध्यान भोजन के संवेदक को विद्यालय के लिए वर्ष 2020 के कोरोना महामारी के दौरान मई-जून और जुलाई माह के 4 हजार 988 क्विंटल चावल दिया था. जो विद्यालय को आवंटित हुई थी और अगस्त सितंबर माह का भी चावल आवंटित की गई. अक्टूबर नवंबर माह मे 2616 क्विंटल चावल का उठाव किया गया.
संवेदक द्वारा चावल का कालाबाजारी
तकरीबन, इन सात माह मे कई हजार क्विंटल चावल विभाग द्वारा विद्यालय को आवंटित की गई. जिनमें विद्यालय तक महज 4 हजार क्विंटल के करीब ही चावल विद्यालय को संवेदक द्वारा पहुंचाया गया है. और बचे चावल को कालाबाजारी कर बेच दिया गया है. जिसका कोई लेखा जोखा विभाग को संवेदक द्वारा नही उपलब्ध कराई गई है. जिसकी अनुमानित कीमत करीब पांच करोड़ रुपए बताया गया है.
आवंटित चावल अभी तक नही मिला
कटिहार के बारसोई प्रखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मलोर के मो. वशिम आलम ने बताया कि वर्ष 2020 में मई जून-जुलाई तीन माह का चावल 26 क्विंटल संवेदक द्वारा दिया गया था. उसके बाद दिसंबर माह का चावल दिया गया है.और बचे पांच माह की आवंटित चावल नही मिला है.