बिहार: जानें कब और कहां-कहां हुई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में चूक
CM Nitish Kumar: बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में एक बार फिर बड़ी चूक की खबर चर्चा में आ रही है. इस बार यह चूक नालंदा में हुई है, हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब सीएम नीतीश की सुरक्षा में चूक हुई हो. इससे पहले भी कई बार सुरक्षा में चूक का मामला सामने आ चुका है.
पटनाः CM Nitish Kumar: बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में एक बार फिर बड़ी चूक की खबर चर्चा में आ रही है. इस बार यह चूक नालंदा में हुई है, जहां सीएम जनसभा के लिए पहुंचे हुए थे. जनसभा स्थल पर जहां सीएम नीतीश मौजूद थे वहीं से थोड़ी ही दूर पर धमाका हो गया.
हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब सीएम नीतीश की सुरक्षा में चूक हुई हो. इससे पहले भी कई बार सुरक्षा में चूक का मामला सामने आ चुका है. ऐसे में सुरक्षा कर्मियों पर सवाल उठना तो लाजमी है. तो आइए आपको बताते है कि इससे पहले कब-कब सीएम नीतीश की सुरक्षा में चूक हुई है.
सीएम पर युवक ने किया था पीछे से हमला
सीएम नीतीश कुमार की सुरक्षा में चूक का मामला मार्च 2022 को भी सामने आया था, जब वो जनसंवाद यात्रा के तहत बख्तियारपुर पहुंचे थे, तब स्वतंत्रता सेनानी पं. शीलभद्र याजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के दौरान सुरक्षा घेरा होने के बावजूद एक युवक उनके करीब पहुंच गया था और सीएम पर पीछे से हमला करने की कोशिश करी थी. इसके बाद सीएम की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने युवक को हिरासत में लिया था.
सीएम पर खूब उछले थे प्याज
बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान यानी के नवंबर 2020 को भी सुरक्षा में चूक हुई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मधुबनी के हरलाखी विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित कर रहे थे. उस वक्त सीएम नीतीश को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था. दरअसल, नीतीश कुमार जब भाषण दे रहे थे तभी कुछ लोगों ने उनके ऊपर प्याज और कंकड़-पत्थर फेंके थे. इतना ही नहीं, इस दौरान पत्थर फेंकने वाले नारेबाजी करते हुए कह रहे थे कि बिहार में शराब खुलेआम बिक रही है और तस्करी हो रही है, लेकिन आप कुछ नहीं कर पा रहे हैं. इस व्यक्ति को नीतीश कुमार के सिक्योरिटी गार्ड ने रोकने की भी कोशिश की लेकिन नीतीश कुमार ने कहा कि फेंकने दो, जितना फेंकना है फेंकने दो.
बक्सर में हुआ था पत्थर से हमला
साल 2018 में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर पत्थर से हमला हुआ था. उस वक्त बिहार के बक्सर में सीएम नीतीश के काफिले पर पत्थर से हमला हुआ था. हालांकि इस हमले के दौरान नीतीश कुमार को कुछ नहीं हुआ था, लेकिन उनकी सुरक्षा में मौजूद कई जवान घायल हो गए थे. जानकारी के मुताबिक इस हमले में सीएम नीतीश के काफिले में शामिल कारों के शीशे तोड़ दिए गए थे.
चप्पल फेंक कर मारने की हुई थी कोशिश
पटना के बापू सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान साल 2018 में एक युवक ने मुख्यमंत्री को चप्पल फेंक कर मारने की कोशिश की थी. इसके बाद उसने आरक्षण के विरोध में नारेबाजी भी की थी. हालांकि CM को चप्पल नहीं लगी थी लेकिन घटना से नाराज JDU नेताओं ने युवक की जमकर पिटाई करी थी, उसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया था.
जनता दरबार में हुआ था हमला
साल 2016 था जब जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान भी एक युवक ने मुख्यमंत्री पर चप्पल चला दी थी और मुख्यमंत्री को चप्पल लगी भी थी. युवक मुख्यमंत्री के उस फैसले से नाराज था जिसमें दिन में धार्मिक कार्यों के लिए हवन पर सरकार ने रोक लगाया था. असल में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया था और इसी फैसले से युवक नाराज था. मुख्यमंत्री ने युवक पर कार्रवाई नहीं करने का निर्देश उस समय भी दिया था.
सीएम को मिली हुई है जेड प्लस की सुरक्षा
वहीं अगर बात सीएम की सुरक्षा की करें, तो उन्हें साल 2018 में जेड प्लस की सुरक्षा दी जा चुकी थी. जेड प्लस की सुरक्षा का मतलब है कि सीएम नीतीश जब भी बिहार से बाहर जाएंगे तो उनके साथ 36 ट्रेन्ड और बेहद ही कड़ी ट्रेनिंग पा चुके कमांडो का काफिला साय की तरह साथ में मौजूद रहेगा. लेकिन जब नीतीश बिहार में होते हैं तब भी उनकी सुरक्षा कम नहीं रहती है. उनकी सुरक्षा में एक दो नहीं बल्कि 200 ट्रेन्ड कमांडो रहते हैं. ट्रेन्ड कमांडों के इस काफिले को स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप यानि SSG कहा जाता है.
कौन होते है SSG?
बता दें कि SSG मतलब स्पेशल सिक्यूरिटी ग्रुप होता है. इनकी अलग से ट्रेनिंग होती है. यह स्पेशल ब्रांच में आता है. तेज-तर्रार युवा को ही इसमें रखा जाता है. डेढ़-दो महीने की ट्रेनिंग में सुरक्षा से जुड़ी हर बारिकियों की प्रैक्टिकल जानकारी दी जाती है. वहीं जब एक बार जब मुख्यमंत्री अपने आवास से किसी आयोजन के लिए निकलते हैं तो उनकी सिक्यूरिटी में 40 से 50 लोग रहते हैं. उनकी सुरक्षा कई लेयर में होती है. इसमें बीएमपी, स्थानीय पुलिस के अलावा ASL- एडवांस सिक्यूरिटी लाइजनिंग ग्रुप के साथ ही CPT- क्लोज प्रोक्सिमिटी ग्रुप टीम भी होती है.