Patna: बिहार (Bihar) में एक बार फिर से दवाओं (Medicines) की कीमतों में इजाफा हो सकता है. केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन (Chemist and Druggist Association) ने प्रदेश में दवाओं की कीमत बढ़ने के संकेत दिए गए हैं. एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रसन्न कुमार (Prasann Kumar) ने बताया कि रॉ मेटेरियल की बढ़ी कीमतों के कारण ऐसा हो रहा है.


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फिलहाल 40 फीसदी तक महंगी मिल रही हैं दवाएं 
फिलहाल बाजार में दवाएं पिछले साल की तुलना में 10 से 40 फीसदी महंगी मिल रही हैं. बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रसन्न कुमार ने कहा कि देश मे दवाओं के कच्चे माल के प्रोडक्शन को बढ़ावा देना होगा. वहीं, सरकार को अपनी पॉलिसी चेंज करनी होगी.


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सबसे अधिक असर आम जनता पर 
बता दें कि अब फिर से बिहार में आम जनता के इलाज पर महंगाई (Inflation) की मार पड़ सकती है. वहीं, बीते एक साल में यहां दवाओं की कीमतों में 10 से 40 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई है. जिन दवाओं के मूल्यों में वृद्धि हुई है, उनमें जनरल बीमारी से जुड़ी हुई दवाएं हैं. वहीं, दवा विक्रेताओं द्वारा भी इसे कच्चे माल की कीमत में बढ़ोत्तरी से जोड़कर देखा जा रहा है. जबकि, कुछ दवा विक्रेता इसे चाइना की नीति से भी जोड़ रहे हैं. हालांकि, इसका सबसे अधिक असर आम जनता की जेब पर ही पड़ा है.


कोविड भी है वजह 
इधर, IMA Bihar भी दवा की बढ़ी हुई कीमतों के लिए चाइना (China) से आने वाले कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि को कारण मान रहा है. प्रेसिडेंट डॉ अजय कुमार के अनुसार, इसके पीछे की एक वजह चाइना से संबंध खराब होना भी है. इसके अलावा, कोविड (Covid) के दौर में लेबर की कमी और पैकेजिंग कॉस्ट में वृद्धि की वजह से भी दवा की कीमतों में उछाल हुई है.