कुर्ला हादसे के मृतकों में दो का शव पहुंचा पटना, परिवार में मचा कोहराम
Mumbai Kurla Building collapse: जानकारी के मुताबिक, मुंबई के कुर्ला इलाके में सोमवार देर रात को एक मकान भरभरा कर गिर गया था. इसमें कई लोग फंस गए थे. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने मलबे में दबे कई लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया था. मुंबई में हुए इस हादसे में तरैया के चैनपुर खराटी गांव के 7 मजदूर मलबे में दब गए थे.
पटनाः Mumbai Kurla Building collapse: मुंबई के कुर्ला में चार मंजिला इमारत ढहने से बिहार के 7 मजूदरों की मौत के बाद गुरुवार मुंबई से एयर एंबुलेंस से दो मृतकों का शव पटना एयरपोर्ट पर पहुचा. पटना एयरपोर्ट पर तरैया विधायक जनक सिंह ने बिनोद पासवान और पप्पू मांझी के शव को एम्बुलेंस से जिले के अधिकारियों के साथ भिजवाया. मृतकों का शव गांव में पहुचते ही कोहराम मच गया, शव देखने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी. वहीं परिजनों के चीख पुकार से गांव का माहौल गमगीन बना हुआ है. इस घटना में तरैया के सात मजदूरों की मौत हो गई है, जिनमें दो मृतकों का शव अभी पहुच पाया है. बाकी मृतकों का भी शव आने की प्रकिया चल रही है.
सोमवार देर रात हुआ था हादसा
जानकारी के मुताबिक, मुंबई के कुर्ला इलाके में सोमवार देर रात को एक मकान भरभरा कर गिर गया था. इसमें कई लोग फंस गए थे. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने मलबे में दबे कई लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया था. मुंबई में हुए इस हादसे में तरैया के चैनपुर खराटी गांव के 7 मजदूर मलबे में दब गए थे. इस हादसे में 3 मजदूरों की मौत की पुष्टि हो गई थी. जबकि अन्य लापता थे. हादसे में अपनों के खोने की खबर यहां पहुंचते ही महादलित टोले में मातम फैल गया. परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है. रामाधार मांझी के पुत्र पप्पू पासवान, राहुल पासवान और बिरजू पासवान, भोला बांसफोड़ के पुत्र अजय बासफोर तथा गुड्डू बासफोर हादसे के शिकार हुए हैं. वहीं, चइत बासफोर व संजय मांझी का उपचार चल रहा है. खराटी गांव के विनोद मांझी, गुड्डू बासफोर और अजय बासफोर की मृत्यु की भी सूचना मिली थी.
ये भी पढ़ें- Mahnada Flood in Bihar: खतरे के निशान के ऊपर बह रही महानंदा, कटिहार में कई गांव में घुसा पानी
रो रोकर हुआ बुरा हाल
तरैया के दस मजूदर मुंबई में ठेकेदार के अंडर कंस्ट्रक्शन साइट में मजदूरी करते थे. जिस घर में ये सभी मजदूर रहते थे, उसे ठेकेदार ने ही दिया था. तीसरी मंजिल पर रहने वाले छह मजदूरों में सभी काल के गाल में समा गए. वहीं दो की हालत गंभीर बताई गई थी. मंगलवार की सुबह में ही इसकी सूचना मुंबई में रहने वाले एक ग्रामीण ने दी थी. उसके बाद से सभी अपने परिजनों को फोन लगाने लगे पर जब कोई जवाब नहीं मिला तो चिंता सताने लगी. अनहोनी की आशंका से सभी सहम उठे. तब तक मौत की सूचना आने लगी. बुधवार को शव पहुंचने के बाद परिवार में रोना पीटना मचा हुआ है.