Patna: पटना नगर निगम समेत बिहार के कई निकायों में हड़ताल है. 12 सूत्रीय मांग को लेकर सफाई कर्मियों ने हड़ताल पर जाने का ऐलान किया और गुरुवार को हड़ताल के तीसरे दिन भी राजधानी पटना की सड़कों पर से कूड़ा नहीं हटाया गया. आलम यह है कि तीन दिनों से फैले कूड़े से अब दुर्गंध आ रही है. राजधानी पटना के बाजार समिति में कूड़ा फैला है. दुर्गंध आने की वजह से लोगों का जीना मुहाल हो गया है.


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वहीं, अपनी मांगों को लेकर पटना की सड़कों पर नगर निगम (Patna Municipal Corporation) कर्मी प्रदर्शन कर रहे हैं. पटना सिटी में हड़ताली कर्मियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. दरअसल, हड़ताल पर गए कर्मियों ने 12 सूत्रीय मांग की है. कर्मियों की मांग है कि सफाई मजदूरों के हजारों पदों की समाप्ति के फैसले को वापस लिया जाए, पदों पर प्रभारी के रूप में कार्यरत कर्मियों का समायोजन किया जाए, दैनिक मजदूरों का स्थायीकरण के साथ ही आउटसोर्स पर रोक लगे, अनुकंपा बहाली की जाए, बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 में किए गए संशोधनों को वापस लिया जाए. 


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इसके अलावा 10 वर्षों की सेवा पूरी करने वाले दैनिक मजदूरों के नियमितीकरण किया जाए, दैनिक कर्मचारियों को समान काम के लिए समान वेतन दिया जाए, समान कार्य के समान वेतन के तहत 18 हजार से 21 हजार तक मानदेय दिया जाए, सेवानिवृत्त कर्मियों के बकाया राशि का भुगतान किया जाए.


बता दें कि नगर निगम कर्मी अपनी मांग पर अड़े हैं पर सरकार ने अभी तक उनकी मांग की ओर ध्यान नहीं दिया है. सिर्फ आश्वासन ही मिला है लेकिन इस बार हड़ताली कर्मी आश्वासन से मानने के लिए तैयार नहीं है, जिसका नतीजा ये है कि राजधानी का वीवीआईपी इलाका भी दुर्गंध में डूबा है, सड़कों पर कूड़ा फैला है.


(इनपुट- रूपेंद्र श्रीवास्तव, नवजीत कुमार)