झारखंड: Ramgarh Tuti Jharna Mandir: दुनियाभर में प्रभु शिव जी के वैसे तो कई मंदिर हैं. भारत में भी हमें शिव जी के कई मंदिर देखने को मिलेंगे, जैसे केदारनाथ, सोमनाथ, काशी विश्‍वनाथ, अमरनाथ, लिंगराज आदि. इन मंदिरों पर रोजाना अधिक भीड़ देखने को मिलती है. हर एक मंदिर अपने इतिहास के वजह से देशभर में प्रसिध्द हैं. लेकिन भारत में शिव जी के कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जिनके बारें में आप नहीं जानते हैं और वो काफी रहस्यमय हैं. आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे मंदिर जिसके बारे में तो लोगों ने बहुत कम सुना होगा, लेकिन इसकी धार्मिक मान्यता काफी ज्यादा है.


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बारह महीने चौबीस घण्टें होता रहता जलाभिषेक 


झारखंड के रामगढ़ में बसा एक मंदिर जिसे 'टूटी झरना' के नाम से जाना जाता है. मंदिर में भोलेनाथ का जलाभिषेक साल के बारह महीने चौबीस घण्टें होता रहता है और इसे कोई और नहीं स्वयं गंगा जी द्वारा किया जाता है. वैसे तो आमतौर पर लोग  2 या 3 बार जलाभिषेक करते हैं, लेकिन 24 घंटों तक जलाभिषेक किसी को भी हैरान कर सकता है. इस मंदिर का एक बेहद रहस्यमयी इतिहास भी है, जिसे बेहद कम लोग जानते है. 


अंग्रेजों के वक्त से जुड़ा इतिहास 


इस मंदिर का इतिहास साल 1925 से जुड़ा हुआ है. जब अंग्रेज रामगढ़ जिले से रेलवे लाइन बिछाने का काम कर रहे थे. पानी के लिए खुदाई के दौरान उन्हें जमीन के अंदर कुछ चीज दिखाई पड़ी. अंग्रेजों ने पूरी खुदाई की और आखिरी में ये मंदिर पूरी तरह से नजर आ गया. मंदिर के अंदर भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग मिला और उसके ठीक ऊपर मां गंगा की सफेद रंग की प्रतिमा मिली थी. प्रतिमा की नाभी से अपने आप जल निकलता रहता है जो उनके दोनों हाथों की हथेली से गुजरते हुए शिव लिंग पर गिरता रहता है.


स्वयं मां गंगा करती जलाभिषेक 
बता दें कि मान्यता के अनुसार प्रभु शिव जी के शिवलिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं स्वयं मां गंगा करती हैं. यहां लगे हुए दो हैंडपंप भी रहस्यों से घिरे हुए हैं. यहां लोगों को पानी के लिए हैंडपंप चलाने की जरूरत नहीं पड़ती है बल्कि इसमें से अपने-आप पानी नीचे गिरता रहता है. बता दें कि लोग दूर-दूर से यहां पूजा करने आते हैं और साल भर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. 


श्रद्धालुओं का मानना हैं कि टूटी झरना मंदिर में जो कोई भक्त भगवान के इस अदभुत रूप के दर्शन कर लेता है उसकी मुराद पूरी हो जाती है. भक्त शिवलिंग पर गिरने वाले जल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं और इसे अपने घर ले जाकर रख लेते हैं. इसे ग्रहण करने के साथ ही मन शांत हो जाता है और सभी दुखों से लड़ने की ताकत मिल जाती है