दिल्ली/पटना: President Election: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर आज राजधानी दिल्ली में विपक्षी दलों की संयुक्त बैठक कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में हो रही है. इस बैठक में राजद की तरफ से सांसद मनोज झा और एडी सिंह शामिल हुए हैं. जबकि जेएमएम की तरफ से विदय हांसदा पहुंचे हैं. जानकारी के अनुसार, कुल 22 दलों को बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया गया था लेकिन इसमें केवल 17 दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं. 


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ये नेता हुए शामिल
नेशनल कॉन्फ्रेंस की तरफ से उमर अब्दुल्ला, शिव सेना की तरफ से प्रियंका चतुर्वेदी, जेडीएस से एचडी देवगौड़ा, एचडी कुमारास्वामी शामिल हुए हैं. इसके अलावा टीएल बालू, मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश, सपा से अखिलेश यादव, रणदीप सुरजेवाला, शरद पवार, जयंत चौधरी, ममता बनर्जी, महबूबा मुफ्ती शामिल हुए हैं.


TRS, BJD, AAP, SAD नहीं हुए शामिल
राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर आम सहमति बनाने के लिए टीएमसी अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बुधवार को बुलाई गई है. विपक्षी दलों की बैठक में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), बीजू जनता दल (बीजद), आम आदमी पार्टी (आप) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता शामिल नहीं हुए हैं.


22 दलों को किया गया आमंत्रित
जानकारी के अनुसार,ममता बनर्जी ने 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए पिछले हफ्ते ‘विपक्षी को एक करने’ के मकसद से दिल्ली में एक बैठक के लिए सात मुख्यमंत्रियों सहित 22 राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रित किया था. बीजद के एक नेता ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि पार्टी को अभी तक उनके प्रमुख नवीन पटनायक से कोई निर्देश नहीं मिला है. वहीं, वरिष्ठ नेता पिनाकी मिश्रा भी देश में नहीं हैं. 


बसपा, एआईएमआईएम को नहीं बुलाया गया
बहुजन समाज पार्टी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन जैसे कुछ दलों को बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है. वहीं, बैठक से एक दिन पहले, बनर्जी तथा वामपंथी पार्टी के नेताओं ने राकांपा प्रमुख शरद पवार से उनके आवास पर अलग-अलग मुलाकात की और उन्हें शीर्ष संवैधानिक पद के लिए विपक्ष का उम्मीदवार बनने के वास्ते मनाने की कोशिश की. 


एनडीए के जीत के आसार
बता दें कि एनडीए के पास निर्वाचक मंडल के लगभग आधे वोट हैं. यदि उसे बीजद, एआईडीएमके और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी जैसे दलों का समर्थन मिल जाता है तो उसके उम्मीदवार के राष्ट्रपति चुनाव में जीत सुनिश्चित हो सकती है.