NIRF की रैंकिंग सभी कैटेगरी में पिछड़ा बिहार, आईआईटी पटना का सुधरा प्रदर्शन
शिक्षा मंत्रालय की तरफ से गठित नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क यानि ने जो आकंड़े जारी किए हैं उससे उच्च शिक्षा में बिहार की एक बार फिर से बुरी स्थिति सामने आई है. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लिस्ट जारी की.
Patna: उच्च शिक्षा के मामले में बिहार की स्थिति एक बार फिर से शर्मनाक रही है. शिक्षा मंत्रालय की तरफ से गठित नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क यानि (NIRF) ने जो आकंड़े जारी किए हैं उससे उच्च शिक्षा में बिहार की एक बार फिर से बुरी स्थिति सामने आई है. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने (NIRF) लिस्ट जारी की.
दरअसल (NIRF) की कैटेगरी में 11 तरह की पढ़ाई वाले शैक्षणिक संस्थान आते हैं. ये संस्थान हैं ओवरऑल यूनिवर्सिटी, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फॉर्मेसी, कॉलेज, मेडिकल, लॉ, आर्किटेक्चर, डेंटल और रिसर्च. इसमें अगर यूनिवर्सिटी कैटेगरी की बात करें तो इसमें बिहार की कोई भी सरकारी या निजी यूनिवर्सिटी इसमें शामिल नहीं है. बिहार में उच्च शिक्षा को लेकर पटना विश्वविद्यालय को बेहतर समझा जाता है लेकिन उसने (NIRF) के लिए अप्लाई ही नहीं किया था.
पटना IIT की रैंकिंग में हुआ सुधार
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर गिरिश कुमार चौधरी के मुताबिक,अगली बार पीयू की तरफ से आवेदन दिया जाएगा. लेकिन (NIRF) ने जो आंकड़े जारी किए हैं उसमें यूनिवर्सिटी कैटेगरी में बिहार से कोई भी विश्वविद्यालय नहीं है जबकि ओवरऑल कैटेगरी में आईआईटी पटना 51वें स्थान पर है. उसने पिछले साल की तुलना में अपनी रैंकिंग में सुधार किया है. पिछले बार आईआईटी पटना 54वें स्थान पर था.
मैनेजमेंट संस्थानों की रैंकिंग में बिहार फिसड्डी
दूसरी ओर (NIRF) ने जो इंजीनियरिंग की कैटेगरी जारी की है उसमें आईआईटी पटना 21वें जबकि एनआईटी पटना 72वें स्थान पर है. दूसरी ओर मैनेजमेंट संस्थानों में भी बिहार का कोई शैक्षणिक संस्थान या विश्वविद्यालय नहीं है. अगर फॉर्मेसी की पढ़ाई और इस कैटेगरी की बात करें तो यहां भी बिहार को निराशा हाथ लगी है.
फॉर्मेसी-मेडिकल कॉलेज में बिहार पिछड़ा
फॉर्मेसी में भी बिहार का कोई शैक्षणिक संस्थान नहीं है. (NIRF) ने कॉलेजों की रैंक जारी की है उसमें भी बिहार से कोई सरकारी या निजी कॉलेज नहीं है यानि यहां भी (NIRF) के मापदंडों में कोई कॉलेज खरा नहीं उतर सका है. मेडिकल की पढ़ाई से जुड़ी जो रैंक (NIRF) की तरफ से सामने आया है उसमें कोई मेडिकल कॉलेज या संस्थान नहीं है. ये तब है जब बिहार में पीएमसीएच, एनएमसीएच सहित दूसरे मेडिकल कॉलेज हैं. ये देश के पुराने मेडिकल संस्थानों में शामिल होते हैं.
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IIT पटना ने बचाई लाज
लॉ की पढ़ाई वाले संस्थानों की सूची में भी बिहार से कोई कॉलेज या संस्थान नहीं हैं. रिसर्च कैटेगरी में बिहार की लाज आईआईटी पटना (IIT Patna) ने बचाई है. इस कैटेगरी में आईआईटी पटना 50 संस्थानों की लिस्ट में 47वें स्थान पर है.
NIRF के किन मापदंडों पर शैक्षणिक संस्थानों की लिस्ट होती है जारी
पांच तरह के पैरामीटर्स बनाए गए हैं और ये हैं टीचिंग, लर्निंग एंड रिसोर्सेज, रिसर्स एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिस, ग्रेजुएशन आउटकम्स, आउटरीच एंड इनक्लूसिविटी और पीर परसेप्शन. दुर्भाग्य से इन पांचों मापदंडों पर कोई कॉलेज या विश्वविद्यालय खरा नहीं उतर सका है. बिहार में राज्य सरकार शिक्षा पर 35 हजार करोड़ सालाना खर्च करती है और ये पूरे बजट का 20 फीसदी है, बावजूद उच्च शिक्षा के मामले में बिहार एक बार फिर से राष्ट्रीय स्तर पर फिसड्डी साबित हुआ है.