शराबबंदी कानून में फिर से संशोधन का फैसला, विधायकों से सुझाव लेगी बिहार सरकार
शराबबंदी कानून बिहार सरकार के लिए फजीहत की बड़ी वजह बन गई है. कानून लागू करने से पहले ठीक से सभी पहलुओं पर विचार नहीं करने को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं.
पटना: बिहार में जहरीली शराब से मौत की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. इसके साथ ही शराबबंदी कानून में कमियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट लगातार बिहार सरकार को फटकार भी लगा रही है. इस बीच, नीतीश सरकार ने शराबबंदी कानून में फिर से संशोधन करने का फैसला किया है. संशोधन से पहले विधायकों से सरकार सुझाव भी लेगी. लेकिन कांग्रेस ने सदन में विमर्श से पहले सरकार से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग कर दी है.
शराबबंदी कानून में संशोधन की तैयारी, विधायकों से राय लेगी सरकार
शराबबंदी कानून बिहार सरकार के लिए फजीहत की बड़ी वजह बन गई है. कानून लागू करने से पहले ठीक से सभी पहलुओं पर विचार नहीं करने को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. यही वजह है कि कानून में लगातार संशोधन की नौबत आ रही है. एक बार फिर सरकार कानून में संशोधन करने जा रही है. लेकिन इस बार के संशोधन को पुख्ता बनाने के लिए सरकार विधानमंडल के दोनों सदनों में इस पर विमर्श कराकर कानून पास कराएगी.
कांग्रेस ने कहा- सर्वदलीय बैठक बुलाए सरकार
सरकार की इस नीति से कांग्रेस सहमत नहीं है. कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि शराबबंदी कानून में छोटे-छोटे सुधार की बजाय नीतीश कुमार को व्यापक समीक्षा करनी चाहिए. सीएम नीतीश को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए. सभी दलों से सुधार को लेकर बात करनी चाहिए. शराबबंदी कानून में अभी तक कई संशोधन हो चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद बिहार में शराब मिल रही हैं. शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी शराब मिलना अपने आप में बड़ा सवाल है.
बिहार में पूर्ण शराबबंदी हो ही नहीं सकती- राजद
वहीं, राजद विधायक राहुल तिवारी ने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून फेल है. सरकार कानून लागू करने के बाद लगातार संशोधन कर रही है. इस बार भी ये आखिरी नहीं होगा, इसके बाद भी संशोधन होंगे. क्योंकि कानून बिना सोचे-समझे लागू किया गया है. बिहार में शराबबंदी हो ही नहीं सकती.
इधर, जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस ने शराबबंदी कानून में होने जा रहे संशोधन पर कहा कि समय-समय पर सरकार ने शराबबंदी कानून को अच्छे से लागू करने को लेकर सुझाव मांगे हैं. इस बार भी सुझाव लिया जा रहा है. शराबबंदी कानून का असर होली में भी दिखा. शराब पीकर लोग सड़कों पर झूमते नजर नहीं आए. महिलाओं को काफी सहूलियत हुई. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता मृत्युंजय झा ने कहा कि शराबबंदी कानून प्रशासनिक लापरवाही के कारण फेल होती नजर आ रही थी. जनहित से जुड़े मामले को देखते हुए ही सरकार ने संशोधन का निर्णय लिया है. शराबबंदी कानून बेहतर तरीके से लागू हो, ये सरकार की कोशिश है.