Patna: देश में हर साल कई हजार बच्चे अपने घर से बिछड़ जाते हैं. इसी कड़ी में अब बिहार के समाज कल्याण विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है. वो कई वर्षो से लापता बच्चों के उनके मां-बाप से मिलाने का काम कर कर रहे हैं. इसके लिए अब बिहार सरकार द्वारा लापता हुए बच्चो के फिंगर प्रिंट डाटा के जरिये उनके परिवार का पता लगाया जा रहा है. 


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बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग की पहल से गुम हो चुके बच्चों को खोज कर उनके परिवार से मिलवाया है. इस तकनीक से अब तक 100 बच्‍चों को उनका खोया परिवार मिल चुका है. 


गौरतलब है कि समाज कल्याण विभाग आश्रय गृह में रहने वाले बच्चों के लिए आधार कार्ड बनाए जाने की व्यवस्था की गई है. आधार कार्ड बनाए जाने के दौरान जब बच्चों की अंगुलियों का स्कैन किया जाता है, तो अगर किसी का पहले से आधार कार्ड बना हुआ है, और इसका पता चल जाता है. इसमें ये भी पता चल जाता है कि बच्चों के माता-पिता कौन हैं. 


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इस दौरान आश्रय गृह मे रह रहे बच्चों का पता मिल जाने पर स्थानीय अधिकारी को आधार कार्ड पर लिखित पते पर भेजा जाता है. फिर वहां से अधिकारी की मौजूदगी में बच्चे के मां-बाप से वीडियो कॉल के द्वारा बच्चे से बात भी हो जाती है. जिसके बाद अभिभावक को आश्रय गृह बुलाकर बच्चे को उन्हें दे दिया है.