Patna: बिहार में बढ़ती बाइत दुर्घटनाओं के मद्देनजर परिवहन विभाग ने कमर कस ली है. दरअसल, बिहार में बाइक दुर्घटना में मरने वालों की संख्या दूसरे राज्यों की तुलना में कहीं ज्यादा है. 2019 से 2021 के आंकड़ों की ही अगर बात करें तो बिहार में महज दो साल में 872 लोगों की मौत बाइक एक्सीडेंट में हुई है. इन मौतों का सबसे बड़ा कारण है बगैर हेलमेट बाइक चलाना. अब इन आंकड़ों के मद्देनजर परिवहन विभाग ने आदेश जारी किया है कि नया टू व्हीलर के साथ ही तय मानक वाला हेल्मेट भी शो रूम से खरीदना होगा, बगैर इसके टू व्हीलर की डिलीवरी नहीं होगी. साथ ही अगर कोई डीलर नियमों में कोताही करता है तो उसपर कड़ी कानूनी कार्रवाई भी होगी.


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नियमों में कोताही पर टू व्हीलर डीलर्स पर कानूनी कार्रवाई
बढ़ती बाइक दुर्घटनाओं के मद्देनजर परिवहन विभाग ने सख्ती दिखाते हुए साफ कहा है कि टू व्हीलर डीलरों बगैर हेलमेट गाड़ियों की डिलीवरी ना करें. डीलर ये सुनिश्चित करें कि वो वाहन की डिलीवरी गुणवत्ता वाले और तय मानक के हेलमेट के साथ ही करेंगे. अगर डीलर इन नियमों में कोताही करता है तो फिर उसका लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा. सरकार के इस फैसले का स्वागत डीलरों ने भी किया है और कहा कि इस नियम के लागू होने से अब ग्राहक भी हेलमेट खरीदने में आनाकानी नहीं करेंगे.


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ग्राहकों ने सरकार की पहल की तारीफ की
वहीं, सरकार के इस फैसले का टू व्हीलर खरीदने पहुंचे ग्राहकों ने भी स्वागत किया है और कहा कि ये निर्णय स्वागत योग्य है. लोगों ने कहा कि सरकार के डर से नहीं बल्कि अपनी हिफाजत के लिए हेलमेट पहनें.  वहीं, शोरूम में ही मौजूद एक ग्राहक ने कहा कि उनका एक्सीडेंट हो गया था, लेकिन चोट इसलिए ज्यादा आई की उन्होने हेलमेट नहीं लगाया था. लेकिन दुर्घटना होने के बाद उन्हे हेलमेट का महत्व समझ में आ गया.


हेलमेट कराता है सुरक्षा का एहसास
हमनें नियमों के पाबंद लोगों से भी बात की, जो हेलमेट और अन्य ट्रैफिक नियमों को लेकर बेहद चौकस हैं. ऐसे जागरूक लोगों का कहना है कि हेलमेट से बाइक चलाते समय सुरक्षित होने का एहसास रहता है और आत्मविश्वास भी बढ़ा रहता है.


पकड़े जाने पर लोगों के अजीबो-गरीब बहाने
ये तो नियम के पाबंद लोगों की बात है, लेकिन लेकिन कुछ लोगों ने यह ठान लिया है कि वह हेलमेट पहनेंगे ही नहीं. ट्रैफिक नियमों को मानेंगे नहीं और जब ऐसे लोगों को ट्रैफिक पुलिस पकड़ती है तो वह क्या दलील देते हैं उसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. कई लोग कहते हैं कि उन्हें माइग्रेन की समस्या है इसलिए वह हेलमेट नहीं लगा सकते तो कई लोगों को कहना है कि उनके गले में दर्द है. वह हेलमेट नहीं लगा सकते. कई लोग रोजाना बहाना बनाते हैं कि हेलमेट भूल गए. अब ऐसे लोगों से निपटना ट्रैफिक पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है.


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बहानेबाजों से परेशान ट्रैफिक पुलिस
वहीं, ट्रैफिक पोस्ट पर तैनात पुलिस अधिकारी का भी कहना है कि लाख आरजू मिन्नत के बाद भी लोग अपनी जान से खिलवाड़ करना नहीं छोड़ रहे है. फाइन करने से पहले पुलिसकर्मी जब समझाते हैं तो लोग या तो पुलिसकर्मियों से उलझ जाते हैं या एक से एक बहाने बनाने लगते हैं.