पटना : Village Without Temples​: कहने को मंदिर काफी पवित्र स्थान होता है. मंदिर आने वालों को सकारात्मक ऊर्जा का एहसास होता है. जिससे मन के साथ ही तन को भी शांति मिलती है. लेकिन बिहार के सीवान जिले के महाराजगंज में एक ऐसा अनोखा गांव है. जहां आज भी कोई मंदिर नहीं है. वहां देवी-देवताओं को खुले आकाश के नीचे रखा जाता है. इस गांव का नाम सुरवीर है. वहां के लोगों का कहना है कि सजो भी यहां मंदिर बनाने की कोशिश करता है उसे नाग डस लेता है. जिससे उसकी मौत हो जाती है. उस गांव में नाग शिवलिंग के आस-पास ही निवास करते है. श्रद्धालु सदियों से ऐसी खुले आकाश के नीचे भगवान की पूजा करते आ रहे है.  


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जो भी रखता मंदिर की नींव उसकी हो जाती मृत्यु
सुरवीर गांव अपने आप में बेहद अनूठा है. इस गांव में लोग ईश्वर में तो अपनी आस्था रखते हैं लेकिन इसके बावजूद गांव में एक भी मंदिर नहीं है. वहां के लोगों का कहना है कि जो भी यहां मंदिर बनाने की कोशिश करता है उसे नाग डस लेता है. जिससे मौत हो जाती है. नाग शिवलिंग के आस-पास ही निवास करते है. शिव मंदिर के ठीक बगल में एक पेड़ है जिस पर नाग देवता रहते हैं. इस गांव के रहने वाले अनुज पाण्डेय ने बताया कि काफी साल पहले हमारे पिता के दादा मंदिर बनवाने के लिए सुरवीर गांव में पंडीजी के टोला के शिव स्थान पर नींव रखवाना चाहते थे. लेकिन उन्हें एक नाग ने डस लिया और उनकी मौत हो गई थी. तब से किसी ने भी यहां मंदिर बनाने की कोशिश की तो उसके साथ भी इसी तरह का वाकया हुआ. 


खुले में घूमते नाग-नागिन के जोड़े
कई लोगों ने यहां नाग और नागिन की जोड़ी को भी देखा है. गांव के प्रकाश पाण्डेय ने बताया कि नाग-नागिन का यह जोड़ा एक पेड़ के पास रहता है. वैसे ये किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाते. लेकिन जब भी कोई मंदिर बनाने की बात सामने रखता है तो ये उसे डस लेते हैं. हमारे पूर्वज नागेश्वर पाण्डेय ने मंदिर बनवाने का प्रयास किया था, तो उनको नाग ने डस लिया था और उनकी मौत हो गई थी. आज भी सुरवीर के पंडीजी के टोला स्थित भगवान शिव के स्थान पर महिलाएं या गांव के लोग पूजा करने आते हैं. लेकिन उनके अंदर नाग-नागिन का एक खौफ बना रहता है. 


हर मनोकामना होती है पूरी 
महिलाएं भी बताती हैं कि वहां नाग देवता खुला रहना चाहते हैं. जिसके कारण जब-जब मंदिर बनवाने की बात होती है तो उसके साथ कुछ घटना घट जाती है. हालांकि महिलाओं का कहना है कि इस स्थान को लोग बहुत मानते हैं. यहां लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. करीब 7 हजार आबादी वाले इस गांव में शिव स्थान के अलावा गांव में 8 जगह इसी तरह देवी-देवताओं के खुले स्थान हैं. 


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