पटना: पटना के गायघाट शेल्टर होम मामले में हाईकोर्ट में शुक्रवार को फिर सुनवाई की गई. पीड़िता पक्ष के वकील ने कोर्ट को बताया कि एसआईटी के द्वारा मेडिकल कराने के दिन लगातार पीड़िता के नाम सार्वजनिक करने से पीड़िता ने मेडिकल कराने से इनकार किया था. वहीं, पीड़िता का नाम सार्वजनिक करने पर कोर्ट ने एसआईटी को फटकार लगाई. इस मामले में अब अगली सुनवाई 28 फरवरी को की जाएगी. अगली सुनवाई ओपन फिजिकल कोर्ट में की जाएगी.


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राज्य में एक बार फिर बालिका गृह कांड का मामला सुर्खियों में 
बिहार में मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के बाद एक बार फिर से शेल्टर होम में लड़कियों के साथ यौन शोषण का मामला सुर्खियों में है. पटना के गायघाट बालिका गृह में लड़कियों को नशीला पदार्थ देकर उनसे दुष्कर्म का मामला सामने आया है. 


शेल्टर होम संचालिका पर गंभीर आरोप 
शेल्टर होम से भागी एक युवती ने शेल्टर होम संचालिका वंदना गुप्ता पर लड़कियों का शारीरिक और मानसिक शोषण करने का गंभीर आरोप लगाया है. युवती ने बताया कि वहां लड़कियों को नशे का इंजेक्शन देकर उन्हें अवैध धंधा करने के लिए मजबूर किया जाता है.


हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान 
मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना हाईकोर्ट ने 3 फरवरी को खुद ही संज्ञान लिया. हाईकोर्ट ने इस मामले में समाज कल्याण विभाग के निदेशक को सिर्फ सीसीटीवी कैमरे के आधार पर ही लड़की के आरोपों को नकारने पर कड़ी फटकार भी लगाई थी. वहीं, संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा था. हाईकोर्ट की फटकार के बाद समाज कल्याण विभाग ने जांच में तेजी लाई थी.


गौरतलब है कि वर्ष 2018 में पहली बार मुजफ्फरपुर बालिका गृह में बच्चियों के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आने से पूरे राज्य में खलबली मच गई थी. मुंबई की संस्था टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) ने बालिका गृह के सोशल ऑडिट रिपोर्ट में यहां की 21 लड़कियों के साथ यौन शोषण का खुलासा किया था.


(इनपुट-संजय कुमार)