पटनाः Patna Metro Rail Update: राजधानी पटना में मेट्रो बनाने की ओर एक्सप्रेस स्पीड से काम हो रहा है. मेट्रो परियोजना में जमीन की बाधा दूर हो रही है. रिपोर्ट के अनुसार, पटना मेट्रो के निर्माण कार्य के लिए 72.56 प्रतिशत जमीन उपलब्ध है. मेट्रो परियोजना के सिविल वर्क का कुल खर्च 4695.49 करोड़ है. इसमें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) और पथ निर्माण विभाग की जमीन पर ही 3407 करोड़ से अधिक का काम होना है.


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अधिसूचना अक्टूबर में जारी
जानकारी के मुताबिक, पटना मेट्रो परियोजना के लिए लगभग 43.95 हेक्टेयर जमीन की दरकार है. मेट्रो डिपो की जमीन के लिए अधिसूचना अक्टूबर में ही जारी हो चुकी है. दावा-आपत्ति के बाद इसी माह जमीन अधिग्रहण का मुआवजा मिलने की उम्मीद है. अभी करीब 10.95 हेक्टेयर सरकारी जमीन की दरकार है, जिसमें एनएचएआइ से 6.35 हेक्टेयर जमीन पर काम की अनुमति मिल चुकी है. इस तरह 60 प्रतिशत सरकारी जमीन भी काम के लिए उपलब्ध है. केंद्र सरकार के अधीन चार संस्थानों में मेट्रो की जमीन फंसी है. 


यहां चिह्नित हुई है जमीन
इसमें दानापुर छावनी क्षेत्र की 934 वर्ग मीटर जमीन हस्तांतरण का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय में लंबित है. राजेंद्रनगर रेलवे स्टेशन की 1277 वर्ग मीटर जमीन भी मेट्रो को हस्तांतरित होनी है, जिसका प्रस्ताव रेलवे के विचाराधीन है. इसके अलावा आकाशवाणी की 1121 वर्ग मीटर और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) की 219 वर्ग मीटर स्थायी और 234 वर्ग मीटर अस्थायी जमीन भी मेट्रो के लिए चिह्नित हुई है, इसके हस्तांतरण की प्रक्रिया भी जारी है. इस पर भी जल्द निर्णय होने की उम्मीद है.


ये है मेट्रो का निर्धारित रूट
पटना में अंडरग्राउंड मेट्रो के लिए रूट निर्धारित कर लिया गया है और इसके तहत राजेंद्र नगर, मोइनुलहक स्टेडियम, पटना विश्वविद्यालय, पीएमसीएच, गांधी मैदान और आकाशवाणी में अंडरग्राउंड स्टेशन बनाए जाने हैं. बता दें पटना मेट्रो परियोजना शहर के बीच से होकर गुजर रही है और इसे पूरा करने के लिए 42 महीने यानी साढ़े तीन साल का समय दिया गया है.


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