Patna: Rajya Sabha Elections 2022: बिहार में राज्यसभा में उम्मीदवार उतारने को लेकर एनडीए उलझी हुई है. प्रत्याशियों के नॉमिनेशन की छोड़िए, जदयू और बीजेपी प्रत्याशियों के नाम तक जारी नही कर पाई है. नामांकन के चंद दिन ही बाकी है. ऐसे में जदयू और बीजेपी में सस्पेंश पर राजनीतिक प्रतिक्रियां सामने आने लगी हैं. राजद ने जदयू पर सीधे तौर पर तो कुछ नहीं कहा है लेकिन भारतीय जनता पार्टी पर जोरदार हमला कर रही है. राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा है कि हमरी पार्टी में सब कुछ समय पर हो गया है. 


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नीतीश तोड़ेंगे जदयू की पुरानी परंपरा?
वहीं, जदयू का आंतरिक मामला बताते हुए शक्ति यादव ने कहा है कि यह जनता दल यूनाईटेड का मामला है और उन्हे फैसला लेना है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के इंतजार में जदयू है या फिर जदयू के इंतजार में बीजेपी. लेकिन, जदयू में यह देखा गया है कि कोई भी नेता राज्यसभा दो बार से अधिक नहीं जाता. तो क्या नीतीश कुमार पार्टी पुरानी परंपरा को तोड़ेंगे? चूंकी आरसीपी सिंह दो बार से राज्यसभा में हैं.


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'बीजेपी के दबाव में सीएम नीतीश कुमार'
इधर, कांग्रेस ने सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है. भारतीय जनता पार्टी पर कांग्रेस ने आरोप मढ़ते हुए कहा है कि सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बीजेपी के दवाब में है. आरसीपी सिंह केंद्रीय मंत्री हैं. आरसीपी सिंह को राज्यसभा भेजने में इतना वक्त लग रहा है तो समझना होगा कि आखिर क्या कहानी है.


'बीजेपी-जदयू में कोई विवाद नहीं'
भारतीय जनता पार्टी भी जदयू के फैसले को आंतरिक मानती है. भारतीय जनता पार्टी के नेता अजीत चौधरी ने कहा है कि जदयू और बीजेपी में कोई समस्या नहीं है. समय पर फैसला लिया जाएगा. जबकि राज्यसभा के मामले पर जदयू ने साफ कहा है कि अभी वक्त है. जल्द ही स्थिति साफ हो जाएगी कि कौन राज्यसभा जा रहा है या फिर नहीं. जदयू के अंदर गुटबाजी के नाम पर चौधरी ने कहा है कि कोई गुटबाजी नहीं है.