पटना: Shani Jayanti 2022: ज्येष्ठ अमावस को शनि देव का जन्म हुआ था. इसे शनि जयंती के नाम से जानते हैं. जो व्यक्ति शनि देव की जयंती के दिन शनि देव की पूजा करता है और उनसे संबंधित चीजों को दान करता है ऐसे व्यक्तियों के जीवन में शनिदेव की कृपा हमेशा बनी रहती है और साथ ही कुंडली में मौजूद शनि दोष खत्म और दूर होता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दूर होते हैं कष्ट
इस दिन की पूजा करने से व्यक्ति के तमाम तरह के पाप और कष्ट आदि भी दूर होते हैं. शनिदेव से संबंधित वस्तुएं: साबुत उड़द, लोहा, तेल, तिल के बीज, पुखराज रत्न, काले कपड़े आदि हैं. जानिए शनिदेव की पूजा के मंत्र. 


शनि देव के मंत्र
1. शनि देव का महामंत्र
ओम निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥ 


2. शनि गायत्री मंत्र
ओम भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात् 


यह भी पढ़ें: कब है शनि जयंती 2022? जानें तिथि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व 


3. शनि देव का बीज मंत्र
ओम प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः। 


4. शनि आरोग्य मंत्र
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।। 


5. शनि दोष निवारण मंत्र
ओम त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।ओम शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंयोरभिश्रवन्तु नः।ओम शं शनैश्चराय नमः।। 


शनि देव की आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥ जय जय श्री शनि… 


श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी।नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय जय श्री शनि… 


क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥ जय जय श्री शनि 


मोदक मिष्ठान पान चढ़त है सुपारी।लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥ जय जय श्री शनि देव… 


देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥ 


जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी। 


शनि देव की जय…जय जय शनि देव