दरभंगा मेडिकल कॉलेज को दान में मिली डेड बॉडी, छात्रों को रिसर्च में मिलेगी मदद
बिहार के दरभंगा मेडिकल कॉलेज को एक मृत महिला का पूरा शरीर दान में मिला है. दान में मिले इस मृत शरीर का उपयोग दरभंगा मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे छात्र करेंगे. शरीर की रचना, बनावट के अध्ययन के अलावा कई तरीके के रिसर्च के साथ-साथ ज्ञान की प्राप्ति की जाएगी.
Darbhanga: बिहार के दरभंगा मेडिकल कॉलेज को एक मृत महिला का पूरा शरीर दान में मिला है. दान में मिले इस मृत शरीर का उपयोग दरभंगा मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे छात्र करेंगे. शरीर की रचना, बनावट के अध्ययन के अलावा कई तरीके के रिसर्च के साथ-साथ ज्ञान की प्राप्ति की जाएगी. शव को फिलहाल मेडिकल कॉलेज के ऑटोनोमी विभाग के अंदर डीप फ्रीजर में स्टोर कर रख लिया गया है.
शरीर को दरभंगा मेडिकल कॉलेज को दान में दिया
दरअसल, दरभंगा के इंदिरा कॉलोनी निवासी चंद्र भूषण पाठक की लगभग 80 वर्षीय माता गुंजेश्वरी देवी का सोमवार सुबह निधन हो गया. इसके बाद चंद्र भूषण पाठक ने अपनी मृत माता के शरीर को दरभंगा मेडिकल कॉलेज को दान में दिया. ताकि यहां पढ़ने वाले छात्रों को इससे फायदा मिल सके और समाजिक वातावरण में भी एक यह सन्देश जाए की मृत शरीर को इच्छानुसार लोग मेडिकल कॉलेज को दान में देने के लिए आगे आये.
मेडिकल के छात्रों को पढ़ाई में होगा लाभ
मृतक महिला के पुत्र चंद्र भूषण पाठक ने बताया की अपने मां के इच्छानुसार आज उनकी मौत के बाद मृत शरीर दरभंगा मेडिकल कॉलेज को सौंपा दिया है ताकि यहां पढ़ने वाले छात्रों को इससे काफी सीखने में मदद मिलेगी. जिसके बाद बनने वाले डॉक्टर आम लोगों की सेवा अच्छे तरीके से कर सकेंगे. इसके अलावा उन्होंने बताया की इसका प्रचार प्रसार भी होना चाहिए ताकि आम लोग भी इस सन्देश से शरीर दान देने के लिए आगे आये, ताकि मेडिकल के छात्रों को इससे पढ़ाई में लाभ मिल सके.
हालांकि उन्होंने ये भी कहा समाज मे ये अभी स्वीकार नहीं है लेकिन धीरे-धीरे लोग इसे समझेंगे. उन्होनें कहा कि सिर्फ अंतिम सस्कार में अग्नि और उनके अवशेष चुनने का कार्य नहीं होगा,लेकिन हिन्दू रीतिरिवाज के अनुसार 13 दिनों का कर्म पूरा होगा.
वहीं, पड़ोसी मोती मिश्र ने पाठक जी द्वारा मां की इच्छा अनुसार शरीर दान देने को सराहा. उन्होंने कहा कि यह पुनीत कार्य है. हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार सभी लोग शरीर को जला देते है, लेकिन शरीर से छात्र पढ़ेगे. हिन्दू समाज में यह अभी विकसित नहीं है लोग की समुचित विचार धारा है इसलिए स्वीकार नहीं कर रहे हैं.
शरीर को डिस्पोज करा दिया जाएगा
इसके अलावा ऑटोनोमी विभाग के डॉक्टर सुधीर कुमार कर्ण ने बताया की आज उन्हें एक बॉडी दान में मिली है और मेडिकल के छात्रों की पढ़ाई में यह बहुत आवश्यक चीज है. उन्होंने मृत शरीर दान करनेवाले परिवार का आभर जताते हुए कहा की मृत शरीर मिलने से मेडिकल कॉलेज के छात्रों को कई रिसर्च करने में मदद मिलेगी. उन्होंने बताया की पढ़ाई लिखाई के काम के बाद में शरीर को अस्पताल में अपने स्तर पर डिस्पोज करा दिया जाता है. यह एक बहुत बेहतर काम है इसे और भी समाज के लोगों को करना चाहिए.
परिवार के लोगों ने मंजूरी दी
वही दरभंगा अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर शंकर मिश्रा ने बताया की वर्तमान समय में मेडिकल कॉलेज के ऑटोनोमी विभाग के पास एक भी डेड बॉडी नहीं थी ऐसे में आज एक शव दान में मिला है, इसके लिए उन्होंने खुद प्रयास किया था. उन्होंने बताया की परिवार ने आंख दान देने की सूचना दी थी, लेकिन दरभंगा में यह सम्भव नहीं दिखाई दे रहा था. ऐसे में परिवार को पूरा शरीर दान करने को कहा जिसपर परिवार के लोगों ने मंजूरी दी.