पटनाः Bihar Education System: बिहार सरकार शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए हर साल करोड़ों रुपये का बजट तैयार करती है. लेकिन भूतल स्तर पर स्थिति ढाक के तीन पात है. प्रदेश में कई सरकारी स्कूलों में जरूरी सुविधाओं का अभाव बना हुआ है. ऐसा ही एक स्कूल शेखपुरा जिले में बना हुआ है. शेखपुरा के उर्दू विद्यालय में एक ही कमरे में तीन कक्षाएं एक साथ संचालित हो रही है. जिसके कारण बच्चों को पढ़ाई करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. 


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एक कमरे में लगती है तीसरी,चौथी और पांचवी कक्षाएं


शेखपुरा जिले के बरबीघा प्रखंड के फैजाबाद प्राथमिक उर्दू विद्यालय सिर्फ दो कमरे का है. यह पहली से पांचवी वर्ग का प्राथमिक विद्यालय है. यहां कुल 213 बच्चे नामांकित है. जहां पहला और दूसरा वर्ग के बच्चे बरामदे में पढ़ाई करते है और जबकि तीसरी,चौथी और पांचवी कक्षा के छात्र- छात्रा के लिए एक कमरे में पढ़ने की व्यवस्था है. यहां एक कमरे में तीन कक्षा के लिए अलग-अलग तीन ब्लैक बोर्ड है जिसके माध्यम से शिक्षक बच्चों को पढ़ाते है. ऐसे में समझा जा सकता है कि शिक्षक द्वारा क्या पढ़ाया जाएगा और बच्चे क्या पढेंगे. कक्षा के अंदर भीड़ ज्यादा होने के कारण बच्चों को पढ़ने में काफी परेशानियां होती है. इस ओर न शिक्षा विभाग का ध्यान है और न ही सरकार का ध्यान है.


कक्षा में रखा जाता है मिड डे मील का राशन


इस विद्यालय का हाल इतना बुरा है कि जिस कमरे में तीन कक्षाएं चल रही है. उसी में एमडीएम के मीड डे मील का चावल, रसोई गैस का सिलेंडर सहित अन्य राशन रखा हुआ है. कमरे के कोने में रखे राशन के कारण बच्चों की परेशानी चार गुना ओर बढ़ जाती है. इस संबंध में उर्दू प्राथमिक विद्यालय के सहायक शिक्षक जाहिद इस्लाम का कहना है कि विद्यालय में सुविधा का अभाव है. हमारा प्रयास है कि किसी तरह से बच्चे को शिक्षित करना है. यहां शिक्षक द्वारा आपसी सामंजस्य स्थापित कर पढ़ाया जाता है. अगर शिक्षक ब्लैक बोर्ड पर दूसरी कक्षा के छात्र-छात्राओं को पढ़ा रहे हैं. तो दूसरे शिक्षक बच्चों को होमवर्क की जांच करते है ताकि दूसरे कक्षा के छात्र छात्राओं को दिक्कत नहीं हो.


गौरतलब है कि जिला प्रशासन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराए जाने में दिलचस्पी दिखाती तो आज यह तस्वीर उभर कर सामने नहीं आती. आज उर्दू प्राथमिक विद्यालय के बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करते. जरूरत है शेखपुरा जिला प्रशासन इस विद्यालय को प्राथमिकता के तौर पर लेते हुए जल्द से जल्द वहां टेंडर की प्रक्रिया चालू कर भवन निर्माण की दिशा में कार्रवाई करें. ताकि आने वाले समय में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके.


टेंडर प्रक्रिया से कमरे की दूर होगी समस्या


शेखपुरा के जिला अधिकारी सावन कुमार ने कहा कि इस संबंध में सूचना प्राप्त हुई है शिक्षा विभाग और भवन निर्माण विभाग को इसके लिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है, और जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया कर कमरे की समस्या को दूर कराने का प्रयास किया जाएगा.


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